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किसानों के हित में केंद्र ने खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाया

इस कदम का मकसद किसानों तथा रिफाइनरी के काम में लगी इकाइयों को राहत उपलब्ध कराना है.
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NDTV Profit हिंदी04:23 PM IST, 18 Nov 2017NDTV Profit हिंदी
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केंद्र ने सस्ते आयात पर लगाम लगाने तथा स्थानीय कीमतों में वृद्धि के इरादे से कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत तथा रिफाइंड पाम ऑयल पर शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है. इस कदम का मकसद किसानों तथा रिफाइनरी के काम में लगी इकाइयों को राहत उपलब्ध कराना है. केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने शुक्रवार रात कहा कि सोयाबीन तेल, सूर्यमुखी तेल, कैनोला : सरसों तेल (कच्चा तथा रिफाइंड दोनों) पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है. इसके अलावा सोयाबीन पर भी आयात शुल्क बढ़ाया गया है.

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी समूह और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने स्थानीय बाजारों में कीमत स्थिति की समीक्षा की थी और खाद्य तेल एवं तिलहनों पर आयात शुल्क बढ़ाने का सुझाव दिया था. सीबीईसी के अनुसार कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क दोगुना कर 30 प्रतिशत जबकि रिफाइंड पाम तेल पर 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया गया है.

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कच्चा सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 17.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत जबकि रिफाइंड सोयाबीन तेल पर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया गया है. इसी प्रकार, कच्चा सूर्यमुखी तेल पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत जबकि रिफाइंड सूयमुखी तेल पर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया गया है. अधिसूचना के अनुसार इसके साथ सोयाबीन पर आयात शुल्क 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर दिया गया है.

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इस कदम का स्वागत करते हुए उद्योग संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसओपीए) ने कहा, 'सभी तिलहनों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ गए थे. इससे किसानों की समस्या बढ़ गयी थी...सरकार ने आखिरकार हमारी मांग के तर्क पर गौर किया.'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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