देश में बचत को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने किसान विकास पत्र (केवीपी) को आज फिर से पेश किया और कहा कि यह गरीबों को निवेश का विश्वसनीय विकल्प प्रदान करेगा और उन्हें पोंजी (धोखाधड़ी करने वालों की) योजनाओं से बचाने में मदद करेगा।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस अवसर पर कहा 'अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण पिछले दो-तीन साल में देश की बचत दर 36.8 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर से घटकर 30 प्रतिशत से नीचे आ गई है। इसलिए लोगों को और बचत के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है।' उन्होंने कहा कि किसान विकास पत्र से दो उद्देश्य पूरे होंगे। एक तो इससे भोले-भाले गरीब निवेशकों को अपनी बचतों को पोंजी योजनाओं के बजाय विश्वसनीय सरकारी योजना में लगाने में मदद मिलेगी। पोंजी योजनाओं में उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई गायब हो जाया करती है।
किसान विकास पत्र की खास्यितें :-
— किसान विकास पत्र 1000, 5000, 10000 और 50000 मूल्य तक का उपलब्ध होगा
— सौ महीने में जमा की गई रकम दुगुनी हो जाएगी
— निवेश की कोई सीमा नहीं होगी
— इसे एक या संयुक्त नामों से खरीदा जा सकता है
— इसे अलग−अलग लोगों को ट्रांसफर करने पर पाबंदी नहीं होगी
— इसमें लॉक−इन पीरियड 30 महीने का होगा
— शुरू में ये विकास पत्र डाकख़ानों में मिलेंगे, लेकिन आगे चलकार बैंकों में भी लाने की योजना है।