प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच सरकार ने आज राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि वह बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए समाधान निकालेगी।
उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि प्याज की बढ़ी कीमतों तथा देश में इसके कम उत्पादन के कारण प्याज का कोई निर्यात नहीं हो रहा है।
थॉमस ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, पिछले दो दिनों में प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है तथा उत्पादन घटा है। दूसरे देशों के मुकाबले देश में प्याज की कीमतों के अधिक होने के कारण प्याज का कोई निर्यात नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह संकट का तत्काल समाधान तलाशने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा अन्य राज्यों के प्रशासन के संपर्क में हैं।
थॉमस ने कहा, मैं दिल्ली जैसे राज्यों के संपर्क में हूं कि क्या वे नासिक से प्याज मंगाने में सक्षम हैं। शरद पवार (कृषि मंत्री) रविवार को आ रहे हैं। इसलिए मैं इसका कोई समाधान निकालूंगा। दिल्ली के बाजारों में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था।
इससे पूर्व लोकसभा में भी शून्यकाल के दौरान यह मामला उठा और मार्क्सवादी पी करूणाकरन ने कहा था कि प्याज सहित सारी साब्जियों और खानपान की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम लोगों का घरेलू बजट चरमरा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियंत्रित करने में न केवल विफल रही है बल्कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर इसमें और आग लगा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।