हेलमेट को जीएसटी के अंतर्गत 18 प्रतिशत कर स्लैब में रखे जाने से उद्योग और दोपहिया वाहनों की सुरक्षा पर असर पड़ेगा क्योंकि इससे सस्ते और कामचलाऊ उत्पाद की बिक्री बढ़ेगी. उद्योग संगठन आईएसआईएचएमए ने यह कहा.
हेल्मेट विनिर्माताओं का संगठन आईएसआई हेलमेट मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन (आईएसआईएचएमए) ने कहा कि सरकार को शून्य जीएसटी दर के साथ सरकार को बेहतर गुणवत्ता वाले हेलमेट को बढ़ावा देना चाहिए.
फिलहाल हेलमेट पर अलग-अलग राज्यों में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 35 प्रतिशत एबेटमेंट (छूट) के साथ 0 से 14.5 प्रतिशत तक वैट तथा 12.5 प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगता है. (एजेंसी भाषा से इनपुट)