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जीएसटी से जुड़े 4 अहम विधेयक जिन पर संसद में आज बहस : जानें इनके बारे में सबकुछ

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक और इससे जुड़े चार विधेयकों पर आज बहस होनी है. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लगाया जाना है. जीएसटी लगने के बाद सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले कई प्रकार के टैक्स समाप्त हो जाएंगे और केवल एक प्रकार का टैक्स, जीएसटी, लगेगा. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विश्व के लगभग 160 देशों में जीएसटी की कराधान व्यवस्था लागू है.
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NDTV Profit हिंदी12:37 PM IST, 29 Mar 2017NDTV Profit हिंदी
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सोमवार यानी 27 मार्च को संसद में पेश किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक और इससे जुड़े चार विधेयकों पर आज बहस होनी है.  गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लगाया जाना है. जीएसटी लगने के बाद सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले कई प्रकार के टैक्स समाप्त हो जाएंगे और केवल एक प्रकार का टैक्स, जीएसटी, लगेगा. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विश्व के लगभग 160 देशों में जीएसटी की कराधान व्यवस्था लागू है.

आइए आज जिन विधेयकों पर चर्चा होनी है, उनके बारे में 10 खास बातें जानें

  1. जीएसटी से जुड़े चार विधेयक ये हैं- केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी-जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई-जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी-जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017.
  2. यह विधेयक जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर समूचे देश में लागू होगा और इसे एक जुलाई से लागू किया जाना तय किया गया है. हालांकि उद्योग जगत ने इस तारीख को आगे बढ़ाने की अपील की है.
  3. केंद्रीय जीएसटी विधेयक 2017 कर वसूली, केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर सामानों, सेवाओं या दोनों पर कर संग्रह की व्यवस्था करेगा. जबकि, समेकित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 के तहत राज्य के भीतर आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान होगा.
  4. वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक भी पेश किया जिसके तहत जीएसटी लागू होने पर राज्यों के राजस्व घाटे पर मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही केंद्र प्रशासित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 भी पेश किया गया, जिसमें राज्य में सामानों, सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान है.
  5. सीजीएसटी (CGST Bill) विधेयक की बात करें तो केंद्र सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवाओं की राज्य के भीतर आपूर्ति पर कर की वसूली का प्रावधान है, जबकि आईजीएसटी विधेयक (IGST Bill) में अंर्तराज्यीय वस्तु एवं सेवाओं पर कर की वसूली का प्रावधान किया गया है और यह अधिक से अधिक 40 फीसदी हो सकता है. आईजीएसटी बिल में विदेशी टूरिस्ट्स द्वारा भारत में प्रवास के दौरान खऱीदे गए सामानों पर टैक्स रिफंड का प्रावधान करने हेतु क्लॉज जोड़ा जा सकता है.
  6. इसी प्रकार से यूटीजीएसटी विधेयक (UTGST Bill) में केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, दमन और दीव तथा दादरा और हवेली में जहां उनकी अपनी विधानसभाएं नहीं हैं, वहां केंद्र सरकार द्वारा कर लगाने और उसे वसूलने का प्रावधान किया गया है.
  7. मुआवजा विधेयक (Compensation to States) में राज्यों को पांच साल के लिए जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में हुई हानि को लेकर केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है.
  8. लघु उद्यमों के लिए जीसीएसटी बिल 1 फीसदी से अधिक का टैक्स, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 50 लाख रुपये के सालाना टर्नओवर पर, का प्रावधान नहीं करता है. यानी अधिक से अधिक 1 फीसदी टैक्स ही लगेगा. 2.5 फीसदी टैक्स सप्लायर्स के लिए प्रस्तावित है.
  9. जीएसटी व्यवस्था में चार दरें- 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत- तय की गई हैं. हालांकि, विधेयक में अधिकतम 40 प्रतिशत तक की शीर्ष दर (टॉप रेट) रखी गई है. यह दर वित्तीय आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए रखी गई है.
  10. पहले पांच साल तक कारों, शीतय पेयों और तंबाकू उत्पादों जैसी सामग्रियों पर कुछ अन्य कर भी लगाए जाएंगे, ताकि राज्यों के नुकसान की भरपाई की जा सके. मुआवज़ा कानून इस लिहाज़ से तैयार किया गया है, ताकि जीएसटी के लागू होने पर राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादे को संवैधानिक जामा पहनाया जा सके. (जानें क्या है जीएसटी, सामान्य शब्दों में, विस्तार से)
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