ADVERTISEMENT

जीएसटी से रेवेन्यू घटा, 50 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेगी सरकार

सरकार अगले 3 महीनों में और 50000 करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. सरकार ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी जारी की है. सरकार ये कर्ज इसलिए ले रही है ताकि अलग-अलग योजनाओं की फंडिंग से जुड़े खर्चों और ब्याज का भुगतान किया जा सके. सरकार ये कर्ज निश्चित समय वाली सिक्योरिटीज़ के माध्यम से ले रही है. इसकी एक अहम वजह सरकारी राजस्व की वसूली में आई कमी है और जुलाई में लागू होने के बाद से ही जीएसटी की वसूली में कमी आ रही है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी11:20 PM IST, 28 Dec 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

सरकार अगले 3 महीनों में और 50000 करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. सरकार ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी जारी की है. सरकार ये कर्ज इसलिए ले रही है ताकि अलग-अलग योजनाओं की फंडिंग से जुड़े खर्चों और ब्याज का भुगतान किया जा सके. सरकार ये कर्ज निश्चित समय वाली सिक्योरिटीज़ के माध्यम से ले रही है. इसकी एक अहम वजह सरकारी राजस्व की वसूली में आई कमी है और जुलाई में लागू होने के बाद से ही जीएसटी की वसूली में कमी आ रही है.

जीएसटी : कंपनियों को संशोधित MRP का स्टीकर लगाने के लिए मिला और वक्त- 5 खास बातें

नवंबर में जीएसटी के तहत 80 हजार 800 करोड़ की वसूली हुई जो पिछले 4 महीने में सबसे कम है. अतिरिक्त पैसा लेने की वजह से वित्तीय घाटा 3.5 फीसदी तक पहुंच सकता है, जबकि लक्ष्य 3.2 फीसदी का रखा गया. वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल ना कर पाने की वजह से ऊंची ब्याज दर, महंगाई और निजी निवेश में कमी संभव है. सरकार 2008-09 के बाद से ही वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर पाने में नाकाम रही है. लेकिन सरकार को भरोसा है विनिवेश का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा और घाटे को काबू में रखने के लिए पूंजीगत खर्च कम कर लिया जाएगा.

वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार यह कर्ज निश्चित अवधि वाली प्रतिभूतियों यानी सिक्योरिटीज़ के माध्यम से लेगी. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 26 दिसंबर तक सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बाजार से कुल 3.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. बयान में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ मिलकर सरकार के कर्ज कार्यक्रम की समीक्षा के बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में 'बाजार से अतिरिक्त 50,000 रुपये का कर्ज लेने का फैसला किया है.'

Start up को प्रमोट करने के लिए बिहार सरकार ने की ये नई घोषणा

चालू वित्त वर्ष के आम बजट में सरकार ने सकल और शुद्ध बाजार कर्ज का क्रमश: 5,80,000 करोड़ रुपये और 4,23,226 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था. इसमें से 3,48,226 करोड़ रुपये का सरकारी सिक्युरिटीज से तथा 2,002 करोड़ रुपये टी-बिल्स से जुटाने थे. 

कांग्रेस कह रही है कि सरकार ने जीएसटी लागू करने में बड़ी गलतियां की हैं और उसे इसका खमियाज़ा भुगतना पड़ रहा है. जबकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि स्मॉल सेविंग स्कीम के ब्याज में कटौती करने का फैसला साफ संकेत है कि सरकार की कमाई घटती जा रही है. साफ है, सरकार के लिए आगे की राह आसान नहीं दिखती है.
 


VIDEO: आर्थिक मोर्चे पर कितनी सफल रही है मोदी सरकार?


बयान में कहा गया है कि सरकार का सकल और शुद्ध बाजार कर्ज 26 दिसंबर तक क्रमश: 5,21,000 करोड़ रुपये और 3,81,281 करोड़ रुपये रहा है.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT