वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शासन के तहत कंपनियों को आने में आसानी की उम्मीद करते हुए जीएसटी सुविधा प्रदाताओं (जीएसपी) ने कहा कि उन्हें अभी दो महीने का और वक्त दिए जाने की जरूरत है, क्योंकि आयकर रिटर्न दाखिल करनेवाले एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआई) जून के अंत तक ही उपलब्ध हो पाएगा.
उन्होंने कहा कि एक बार एपीआई उपलब्ध होने के बाद उन्हें सॉफ्टवेयर के परीक्षण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए. टैली सोल्यूशंस के प्रबंध निदेशक भारत गोयनका ने कहा, "जीएसटी के मोर्चे पर हमने जीएसटीएन नेटवर्क के साथ किए गए समझौते के मुताबिक लेखा परीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन यह सेवा एक हफ्ते बाद ही शुरू हो पाएगी, क्योंकि इसे जीएसटीएन रोडमैप के साथ समन्वय में काम करना है."
उन्होंने कहा, "जीएसटीएन का एपीआई को जारी करने का अपना रोडमैप है और हमारा लगातार यह मानना है कि हमें परीक्षण के लिए दिया गया समय काफी कम है. हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम बाजार में गड़बड़ी वाले उत्पाद ना उतारें और केवल मजबूत समाधान ही जारी करें." एपीआई जारी करने में देरी का मुख्य कारण जीएसटी परिषद द्वारा नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया जाना है. 18 जून को हुई बैठक में परिषद ने 5 को मंजूरी दी, साथ ही अभी नियमों में और परिवर्तन की संभावना है.
(आईएएनएस की रिपोर्ट पर आधारित)