वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने में अब मात्र चार दिन बचे ही बचे हैं. भारी भीड़ को देखते हुए एक जुलाई से पहले सभी का पंजीकरण होने की संभावना कम है. उधर, सरकार ने स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) तथा स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के प्रावधानों का क्रियान्वयन टाल दिया है. साथ ही ई-कॉमर्स पर सामान बेचने वाली छोटी कंपनियों को पंजीकरण से छूट दी है. एक जुलाई से लागू हो रहे जीएसटी के तहत आपूतिकर्ता को भुगतान करते समय ई-वाणिज्य कंपनियों को एक प्रतिशत टीसीएस संग्रह करने की जरूरत नहीं होगी.
केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कानून के तहत अधिसूचित इकाइयों को 2.5 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्त के लिए भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस संग्रह की आवश्यकता है. इस प्रावधान को फिलहाल स्थगित रखा गया है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि व्यापार एवं उद्योग से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सरकार ने सीजीएसटी (स्टेट जीएसटी कानून, 2017 के तहत टीडीएस (धारा 51) तथा टीसीएस (धारा 52) से जुड़े प्रावधान को आगे टालने का निर्णय किया है. इस कदम का मकसद जीएसटी का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चत करना है. बीस लाख रुपये से कम कारोबार करने वाली छोटी कंपनियों को भी ई-वाणिज्य पोर्टल के जरिये वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री के लिए जीएसटी के अंतर्गत स्वयं का पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी.
बयान के मुताबिक, "यह कदम स्रोत पर कर कटौती के पात्र व्यक्तियों ई-कॉमर्स कंपनियों और उनके आपूतर्किर्ताओं को इस ऐतिहासिक कर सुधार के लिए तैयार होने के वास्ते उठाया गया है." जीएसटी नेटवर्क पोर्टल ने टीडीएस, टीसीएस कटौती करने वालों तथा ई-वाणिज्य परिचारकों का पंजीकरण कल से शुरू कर दिया है. जीएसटी से कर आधार बढ़ने, कर चोरी पर लगाम तथा जीडीपी में करीब 1 से 2 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है.
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