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जीएसटी विधेयक के लागू होने के बाद क्या होगा सस्ता, क्या होगा महंगा, जानें एक नज़र में...

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है. यह सरल टैक्स प्रक्रिया को लागू करने पर जोर देता है और इस टैक्स के ऊपर कोई टैक्स नहीं लगेगा. दरअसल जीएसटी उत्पादन की बजाय उपभोग पर टैक्स है. सरकार के मुताबिक, यह राज्यों के बीच वस्तुओं की आवाजाही में मदद करता है और राजस्व में बढ़ोतरी के साथ साथ टैक्स चोरी पर लगाम लगाता है. जानकारों की राय में जीएसटी लागू होने के बाद व्यापार में आसानी होगी और लालफीताशाही में कमी आएगी.
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NDTV Profit हिंदी01:26 PM IST, 30 Mar 2017NDTV Profit हिंदी
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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है. यह सरल टैक्स प्रक्रिया को लागू करने पर जोर देता है और इस टैक्स के ऊपर कोई टैक्स नहीं लगेगा. दरअसल जीएसटी उत्पादन की बजाय उपभोग पर टैक्स है. सरकार के मुताबिक, यह राज्यों के बीच वस्तुओं की आवाजाही में मदद करता है और राजस्व में बढ़ोतरी के साथ साथ टैक्स चोरी पर लगाम लगाता है. जानकारों की राय में जीएसटी लागू होने के बाद व्यापार में आसानी होगी और लालफीताशाही में कमी आएगी. (यह भी पढ़ें- जीएसटी से जुड़े 4 अहम विधेयक : जानें इनके बारे में सबकुछ)

1 जुलाई से लागू होने के लिए तैयार जीएसटी से ये हो सकती है सस्ता :

- छोटी कारें, एसयूवी, बाइक
- पेंट और सीमेंट
-मूवी टिकट
-बिजली के सामान (पंखे, बल्ब, वाटर हीटर, एयर कूलर)
- रोज़मर्रा की ज़रूरत के सामान
- रेडीमेड कपड़े

जीएसटी लागू हो जाने के बाद इनकी खरीद हो सकती है महंगा :
- सिगरेट
- ट्रक जैसे व्यावसायिक वाहन  
- मोबाइल फोन कॉल
- कपड़े
- ब्रांडेड ज्वैलरी
- रेल, बस, हवाई टिकट 

देश में ऐतिहासिक कर सुधार व्यवस्था ‘जीएसटी’ को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए लोकसभा ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर से जुड़े चार विधेयकों को मंजूरी दे दी तथा सरकार ने आश्वस्त किया कि नयी कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के साथ ही कृषि पर कर नहीं लगाया गया है. लोकसभा ने केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 को सम्मिलित चर्चा के बाद कुछ सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर करते हुए ध्वनिमत से पारित कर दिया. धन विधेयक होने के कारण इन चारों विधेयकों पर अब राज्यसभा को केवल चर्चा करने का अधिकार होगा.

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