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Mutual funds में कम पैसे निवेश कर बनें करोड़पति, ये हैं टॉप 5 इनवेस्टमेंट ऑप्शन

सुनिश्चित निवेश कर अमीर बनने का सपना सभी का होता है. इतना ही नहीं लोग खासतौर पर नौकरी पेशा यह चाहते हैं कि रिटायरमेंट तक करोड़पति बन जाऊं. असल ज़िन्दगी में ऐसा कोई तरीका नहीं होता, जिसमें कुछ हज़ार रुपये का निवेश हमें करोड़ों रुपये का रिटर्न दे सके. अगर कुछ ऐसा होगा भी, तो हाथ आने वाले करोड़ों रुपये पर टैक्स देना पड़ेगा, और रकम फिर कम हो जाएगी.
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NDTV Profit हिंदी02:36 PM IST, 19 Apr 2018NDTV Profit हिंदी
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सुनिश्चित निवेश कर अमीर बनने का सपना सभी का होता है. इतना ही नहीं लोग खासतौर पर नौकरी पेशा यह चाहते हैं कि रिटायरमेंट तक करोड़पति बन जाऊं. असल ज़िन्दगी में ऐसा कोई तरीका नहीं होता, जिसमें कुछ हज़ार रुपये का निवेश हमें करोड़ों रुपये का रिटर्न दे सके. अगर कुछ ऐसा होगा भी, तो हाथ आने वाले करोड़ों रुपये पर टैक्स देना पड़ेगा, और रकम फिर कम हो जाएगी. आप कानूनी तरीके से करोड़ों रुपये की कमाई कर सकते हैं, लेकिन अब यह टैक्स फ्री नहीं रही है. इस बार बजट में  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर टैक्स लगा दिया है. 

म्यूचुअल इक्विटी फंड, जिसमें 20 साल तक सिर्फ 5,000 रुपये मासिक (यानी कुल 12 लाख रुपये) का निवेश करने से भी आप हासिल कर सकते हैं 2.38 करोड़ रुपये. देश में कुछ म्यूचुअल इक्विटी फंड ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले 20 साल के दौरान बिल्कुल इसी तरह का रिटर्न अपने ग्राहकों को दिया है...

वित्तीय सलाहकारों के अनुसार, इन म्यूचुअल इक्विटी फंडों में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप - SIP) के ज़रिये लम्बे समय तक निवेश करते रहने से आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. मौजूदा माहौल में, जब बैंकों में सभी तरह की ब्याज़ दरें, यानी बचत खाता (सेविंग्स एकाउंट), सावधि जमा खाता (एफडी), आवर्ती जमा खाता (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज की दरें लगातार कम होती जा रही हैं, सिप (SIP) के ज़रिये डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड में निवेश बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है.

आपकी कमाई 2.38 करोड़ रुपये तक हो सकती है. ऐसे पांच म्यूचुअल इक्विटी फंडों के बारे में जानकारी यहां पर दी जा रही है. इन फंड ने पिछले 20 या उससे भी ज़्यादा सालों में लगातार 20 फीसदी से ज़्यादा सीएजीआर (कम्पाउंड एनुअल ग्रोथ रेट या चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) रिटर्न दिया है.

दिसंबर, 1993 में शुरू होने के बाद से अब तक 'फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा फंड' का सीएजीआर 21.02 फीसदी रहा है, और अप्रैल 1998 से अब तक तो यह रिटर्न 25.11 फीसदी रहा, यानी अगर आपने इस म्यूचुअल फंड में 1 अप्रैल, 1998 को 5,000 रुपये माहवार के हिसाब से निवेश किया होता, तो 1 अप्रैल, 2017 को आपके खाते में 2.38 करोड़ रुपये जमा होते हैं. 2018 में यह और बढ़ गया होगा.

पिछले 20 साल के दौरान रिटर्न के हिसाब से दूसरे नंबर पर है 'रिलायंस ग्रोथ फंड'. अगर आपने 1 अप्रैल, 1998 को इस फंड में 5,000 रुपये मासिक का निवेश करना शुरू किया होता, तो 1 अप्रैल, 2017 को 2.12 करोड़ रुपये का रिटर्न आपको मिल चुका होता, यानी निवेश की गई मूल राशि का 17.66 गुना.

तीसरे नंबर पर है 'एचडीएफसी इक्विटी फंड', पिछले 20 साल में जिसका सीएजीआर 23.56 प्रतिशत रहा है. यानी अगर आपने 1 अप्रैल, 1998 से इस फंड में सिप के ज़रिये 5,000 रुपये माहवार का निवेश करना शुरू किया होता, तो 1 अप्रैल, 2017 को आपके खाते में 1.95 करोड़ रुपये पड़े होते.

इसके बाद आता है 'रिलायंस विज़न फंड', जिसका सीएजीआर रिटर्न पिछले 20 वर्ष के दौरान 19.92 फीसदी रहा है... इस म्यूचुअल इक्विटी फंड में अगर आप 20 साल पहले 5,000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से निवेश करना शुरू करते, तो इसी महीने की पहली तारीख को आपके खाते में 1.46 करोड़ रुपये जमा होते.

देश में रिटर्न के मामले में पांचवें नंबर पर है 'एचडीएफसी टॉप 200 फंड', जिसका सीएजीआर रिटर्न शुरुआत से अब तक 20.88 फीसदी रहा है, और अगर इस फंड में ठीक 20 साल पहले आपने 5,000 रुपये मासिक का निवेश करना शुरू किया होता, तो आज आपका फंड 1.43 करोड़ रुपये का होता.

अभी तक इस पैसे पर कोई टैक्स नहीं था. लेकिन इस बार बजट में  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर टैक्स लगा दिया है. वित्तवर्ष 2018-19 के आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की जद में म्यूचुअल फंड भी ला दिए, और अब इनकम टैक्स कटौती के बाद हाथ आने वाली अपनी तनख्वाह में से टैक्स-फ्री निवेश के विकल्प और भी घट गए हैं... आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये तक की छूट में अब सिर्फ दो ही स्कीम ऐसी रह गई हैं, जिनमें निवेश करने पर आप मैच्योरिटी के वक्त किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देंगे... इनमें से एक है सुकन्या समृद्धि योजना तथा दूसरी है पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ या लोक भविष्य निधि)...

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