हांगकांग एंड शंघाई बैंक कॉरपोरेशन (एचएसबीसी) ने अपने ऊपर लगे स्विस बैंकों में काला धन जमा करने में मदद करने और देश में हवाला रैकेट चला कर चोरी के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया है। इसके बाद शिकायतकर्ता ने रिजर्व बैंक से आरोपों की पुन: जांच की मांग की।
आम आदमी पार्टी (एएपी) के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा एचएसबीसी बैंक पर लगाए गए आरोपों के आधार पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने रिजर्व बैंक से इन आरोपों की जांच कर सत्यता पाए जाने पर बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम 1949 की धारा 22(4) के अंतर्गत बैंक का लाइसेंस निरस्त करने का अनुरोध किया था।
एचएसबीसी पर इसकी दुबई और जेनेवा शाखा के माध्यम से अवैध बैंकिंग गतिविधि चलाने का भी आरोप लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने एचएसबीसी से 30 दिन के अंदर इन आरोपों पर जवाब देने का आदेश दिया था।
एचएसबीसी की मुख्य नोडल अधिकारी सीमा मेहता ने 20 दिसंबर के अपने पत्र में कहा कि बैंक बहुत गंभीरता से सभी कानूनों का पालन करता है और पिछले साल एक नए वैश्विक लीडरशिप टीम और नई नीति के बाद से उसने कानूनों के पालन के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
लखनऊ निवासी अमिताभ ठाकुर ने बुधवार को कहा कि चूंकि एचएसबीसी के इस पत्र में किसी भी मूल मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई थी, अत: उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर को पुन: पत्र भेजकर इन आरोपों की जांच कराने और उचित विधिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।