टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी वोडाफोन इंडिया (Vodafone) और आइडिया सेल्युलर(Idea Cellular) के विलय का आज ऐलान कर दिया गया. इस मर्जर के बाद यह देश का सबसे बड़ी टेलिकॉम ऑपरेटर बन पड़ेगा. इस मर्जर के बाद वोडाफोन के पास 45.1% की हिस्सेदारी रहेगी जबकि बाकी का 54.9% हिस्सा आइडिया के पास रहेगा. कंपनी ने यह बात एक बयान में कही.
विलय के एलान के बाद आइडिया सेल्युलर के शेयरों में 5% का उछाल देखा गया है. आइडिया के प्रमोटर्स के पास एकाधिकार होगा कि वह किसे चेयरपर्सन नियुक्त करते हैं. हालांकि सीईओ और सीओओ की नियुक्ति को लेकर दोनों प्रमोटर मिल कर फैसला लेंगे और दोनों की ही सहमति इसके लिए आवश्यक होगी. वायरलेस सब्सक्राइबर के लिहाज से फिलहाल वोडाफोन दूसरे और आइडिया तीसरे स्थान पर है जबकि भारतीय एयरटेल पहले नंबर पर है.
रिलायंस जियो ने पैदा कर दिया है तगड़ा कॉम्पिटिशन
मुकेश अंबानी द्वारा रिलांयस जियो 4जी सिम पेश करने के बाद से टेलिकॉम ऑपरेटर्स में घमासान है. चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ा मोबाइल बाजार भारत ही है और ऐसे में जियो की मुफ्त पेशकशों के चलते पहले से मौजूद टेलिकॉम ऑपरेटर्स का ग्राहक शेयर यहां से वहां होने लगा. ग्राहकों के बीच पैठ बनाए रखने के लिए कंपनियों ने तमाम तरह के ऑफर पेश किए हैं और कहा जा रहा है कि यह मर्जर भी इसी दिशा में एक जंग का एक रूप है.
एयरटेल, टेलिनॉर और मुनाफे का गणित
भारती एयरटेल की बात करें तो चार सालों में पहली बार अक्टूबर दिसंबर तिमाही में कंपनी ने सबसे कम प्रॉफिट दर्ज किया. जबकि, इसी पीरियड में आइडिया सेल्युलर ने नुकसान के आंकड़े पेश किए. याद दिला दें कि भारती एयरटेल ने इस साल की शुरुआत में ऐलान किया था कि वह नॉर्वे की कंपनी टेलिनॉर को छह भारतीय राज्यों में खरीदने का करार कर चुकी है.