शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) तथा मुद्रास्फीति के वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अलावा वैश्विक कारक भी बाजार की धारणा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. अरिहंत कैपिटल मार्केट्स की पूर्णकालिक निदेशक अनिता गांधी ने कहा, 'भू-राजनैतिक तनाव के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है. बाजार के भागीदारों की निगाह उत्तर कोरिया के घटनाक्रम पर रहेगी. साथ ही इस महीने होने वाली एफओएमसी की बैठक का भी सभी को इंतजार है.' उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक आंकड़े और वैश्विक बाजारों का रुख इस सप्ताह यहां शेयर बाजारों की दिशा तय करेगा.
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जुलाई महीने के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े मंगलवार को आएंगे. वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अगस्त माह के आंकड़े भी इसी दिन आएंगे. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े गुरुवार को जारी होंगे.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'इस सप्ताह बाजार की निगाह वैश्विक घटनाक्रमों पर रहेगी. आईआईपी, सीपीआई और डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों पर सभी की नजर होगी.'
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बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 204.71 अंक या 0.64 प्रतिशत नीचे आया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 39.60 अंक या 0.39 प्रतिशत के नुकसान में रहा.
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