अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुप्रतीक्षित सुधार अब अपनी जड़ें जमाने लगा है और दुनिया के देशों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए. आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जो सुधार दिख रहा है उसका लाभ उठाया जाना चाहिए, जिससे अधिक समावेशी अर्थव्यवस्था बनाई जा सके, जो सभी के लिए अनुकूल हो.
आईएमएफ के शोध का हवाला देते हुए लेगार्ड ने कहा कि जब अर्थव्यवस्था की सेहत दुरुस्त होगी तो सुधारों को लागू करना अधिक आसान होगा. लेगार्ड ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस समय का इस्तेमाल आमदनी बढ़ाने, रोजगार पैदा करने और लोगों के भविष्य के लिए निवेश करने के लिए करना चाहिए, जिससे समावेशी वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सके. हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में लेगार्ड ने कहा कि बहुप्रतीक्षित सुधार अब अपनी जड़ें जमा रहा है.
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उन्होंने कहा कि दुनिया को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए ताकि तेजी को संरक्षित किया जा सके और अधिक समावेशी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जा सके, तो सभी लोगों के अनुकूल हो.
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लेगार्ड ने अपने संबोधन में कहा कि यदि श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के समान हो जाए, तो अमेरिका में सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: की वृद्धि दर पांच प्रतिशत बढ़ जाएगी. वहीं भारत में यह 27 प्रतिशत, मिस्र में 34 प्रतिशत तक बढ़ेगी. लेगार्ड का यह बयान आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से एक सप्ताह पहले आया है. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे.