आयकर विभाग नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जमा कराने की पड़ताल के अपने अभियान 'ऑपरेशन क्लीन मनी' का दूसरा चरण अगले महीने शुरू कर सकता है. हालांकि, दूसरे चरण में भी 5 लाख रुपये से कम की एकबारगी जमाओं को फिलहाल एक तरफ ही रखे जाने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग पिछले साल 8 नवंबर के बाद और इससे पहले की जमाओं के विश्लेषण के लिए दो डेटा विश्लेषक फर्मों की नियुक्ति अगले 10 दिन में करेगा. सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500, 1,000 रुपये के नोट अमान्य कर दिए थे. इस फैसले से 86 प्रतिशत मुद्रा चलन से बाहर हो गई.
अधिकारी ने कहा, 'अगले 10 दिन में सरकार को नोटबंदी से पहले और नोटबंदी के बाद करवाई गई जमाओं के आंकड़े बैंकों से मिल जाएंगे. यह डेटा स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंसियल ट्रांजेक्शंस (एसएफटी) के तहत दिया जाना है.' अधिकारी ने कहा कि विभाग इन आंकड़ों के विश्लेषण के लिए दो आंकड़ा विश्लेषक फर्मों की नियुक्ति करेगा.
अधिकारियों के अनुसार इस कवायद का उद्देश्य उस व्यक्ति के अनेक बैंक खातों या पैन नंबरों को आपस में जोड़ना है, जिसने बड़ी संख्या में नकदी जमा करवाई. आयकर विभाग ने समान पते, पैन संख्या, टेलीफोन नंबर, ईमेल पते या नाम जैसी समानता के आधार पर विभिन्न जमाओं में तार जोड़ने की कोशिश शुरू की है. अधिकारी ने कहा, 'कम राशि वाली इकलौती जमाएं जांच दायरे में नहीं आएंगी.
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