अगर आपका इनकम टैक्स रिफंड का दावा बनता है तो अच्छा होगा कि समय रहते यानी 31 जुलाई तक इस बाबत कुछ काम पूरा कर लें. आपको रिफंड हासिल करने की प्रक्रिया के बारे में पता होना चाहिए ताकि आयकर विभाग से समय रहते और आवश्यकता पड़ने पर रिफंड लिया जा सके. रिटर्न भर चुकने के बाद रिफंड कैलकुलेट कर लें. जितना रिफंड बनता है वह सामने लिखा आ जाएगा. यदि आप रिफंड के हकदार हैं तो refund वाले कॉलम में आपको यह लिखा दिखेगा.
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एचएंडआर ब्लॉक इंडिया के हेड ऑफ रिसर्च चेतन चंडोक के एनडीटीवी प्रॉफिट पर लिखे गए अपने आलेख से ली गई जानकारी के मुताबिक रिफंड का स्टेटस इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉग इन करके लें. इसमें 'My Account' टैब के अंतर्गत आने वाले 'Refund/Demand Status' को क्लिक करें.
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इसके अलावा आप यह भी कर सकते हैं कि https://tin.tin.nsdl.com विजिट करें. इसमें PAN डालें और संबंधित आकलन वर्ष चुनें. बस, आपका रिफंड स्टेटस सामने आ जाएगा. आयकर विभाग या तो आपको चेक के जरिए रिफंड का भुगतान कर देगा या फिर डायरेक्ट आपके बैंक में जमा कर दिया जाएगा. हां यह ध्यान रखें कि जो अड्रेस आपने भरा है वह पूरी तरह से सही हो क्योंकि ऐसा न होने की स्थिति में यदि आपको चेक से भुगतान किया जाना है तो आयकर विभाग का यह रिफंड का चेक आप तक पहुंच नहीं पाएगा. पता एकदम सही सही लिखें. क्रॉस चेक कर लें.
वैसे बता दें कि रिटर्न फाइलिंग के वक्त अपने पास सभी अपडेटे दस्तावेज रख लें- पैन नंबर, फॉर्म 16, आपके खातों पर मिला संबंधित वित्तीय वर्ष का कुल ब्याज, टीडीएस (TDS) संबंधी डीटेल और सभी तरह के निवेशों संबंधी सबूत. होमलोन और इंश्योरेंस संबंधी डॉक्युमेंट्स भी अपने पास रखें. इनकम टैक्स की साइट से फॉर्म 26AS भी डाउनलोड कर सकते हैं जो आपकी टैक्स स्टेटमेंट शो करता है जो आपके द्वारा दिया जा चुका है. अपना टैक्स रिटर्न वैलिडेट करने के लिए आप इस फॉर्म का सहारा ले सकते हैं.