देश में प्याज़ का संकट बड़ा होता जा रहा है. इस साल प्याज़ का उत्पादन 40 फीसदी तक घटने का अंदेशा है. अब भारत सरकार ने चार देशों ईरान, तुर्की, अफगानिस्तान और इजिप्ट से प्याज़ ख़रीदने की सुविधा मुहैया कराने का फैसला किया है. मंगलवार को दिल्ली में प्याज़ 80 से 100 रुपये किलो तक बिका. देश के कई इलाक़ों में यही हाल है. अब प्याज़ की किल्लत दूर करने के लिए सरकार ने तय किया है कि वह कारोबारियों को चार देशों से प्याज़ का आयात करने में मदद देगी.
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि हमने तय किया है कि प्याज का आयात इजिप्ट, तुर्की, अफगानिस्तान और ईरान से किया जाएगा. इस बार मानसून एक महिने की देरी से आया जिससे प्याज की फसल की बुवाई एक माह की देरी से हुई. उत्पादन 40 प्रतिशत तक घट गया है और बाजार में प्याज की कमी हो गई है. आम तौर पर नवंबर के पहले सप्ताह में प्याज का नया स्टॉक मार्केट में आ जाता था लेकिन इस बार देरी हो गई.
खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक एक नवंबर से छह नवंबर के बीच पिछले सिर्फ छह दिनों में प्याज महंगा होता गया है. दिल्ली में प्याज़ की खुदरा कीमत 55 रू किलो से बढ़कर 80 रू किलो हो गई. मुंबई में प्याज़ 59 रूपये किलो से बढ़कर 67 रू किलो हुआ. सबसे ज़्यादा 40 रूपये प्रति किलो की बढ़ोत्तरी पंचकुला में रिकार्ड की गई है जहां प्याज की खुदरा कीमत इन छह दिनों में 40 रू किलो से बढ़कर 80 रूपये किलो हो गई.
दरअसल प्याज़ की सप्लाई महाराष्ट्र की बड़ी प्याज़ मंडियों में घटती जा रही है. इसका असर मुंबई जैसे शहरों में साफ़ दिख रहा है. विदेशों से प्याज़ भारत पहुंचने में वक्त लगेगा. तब तक लोगों को प्याज़ की बढ़ती कीमतों को झेलना पड़ेगा.