भारत सरकार ने इस साल अक्तूबर तक प्राकृतिक गैस की खरीद फरोख्त के लिये एक बड़ा एक्सचेंज (गैस विनिमय बाजार) शुरू करने की योजना बनाई है. इससे भारतीय गैस का एक मानक मूल्य तय हो सकेगा और इसकी खपत को बढ़ावा मिल सकेगा. तेल एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने इसके लिए एक सलाहकार की नियुक्ति के लिये बोलियां आमंत्रित की हैं जो भारतीय गैस विनिमय बाजार की स्थापना तथा उसकी नियामकीय रूपरेखा आदि के बारे में सलाह देगा.
निविदा में कहा गया है, ‘‘देश में प्राकृतिक गैस की खपत को बढ़ावा देने के लिये सरकार एक गैस कारोबार केन्द्र अथवा एक्सचेंज स्थापित करने पर विचार कर रही है. वर्तमान में प्राकृतिक गैस के कई तरह के फार्मुलों पर आधारित मूल्य के बजाय इस एक्सचेंज के जरिये प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बाजार आधारित प्रणाली के तहत हो सकेगी.’’
वर्तमान में घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस का मूल्य सरकार तय करती है. यह दर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और रूस में प्रचलित गैस के मूल्यों के आधार पर तय किये जाते हैं जो गैस के शुद्ध निर्यातक है. इसकी हर छठे माह समीक्षा की जाती है इस आधार पर गैस का दाम वर्तमान में 3.06 डालर प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) है. यह दाम एक अप्रैल से शुरू होकर छह माह के लिये लागू है.
दूसरी तरफ देश में आयातित एलएनजी का दाम 7.5 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट पड़ता है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने कहा है कि पेट्रलियम मंत्रालय ने उससे कहा है कि वह देश में गैस खरीद-फरोख्त, एक्सचेंज की स्थापना और उसके संचालन के लिये जरूरी नियामकीय रूपरेखा तैयार करे.
नियामक ने कहा है कि वह इसके लिये सलाहकार फर्म को नियुक्त करना चाहती है जो कि इसके लिये विभिन्न जरूरतों के वास्ते विस्तृत अध्ययन करेगा. इसके लिये पीएनजीआरबी अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया का दौरा करेगा जहां इस प्रकार के गैस एक्सचेंज सफलता के साथ काम कर रहे हैं.