एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय आईटी उद्योग ने इस साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 4,11,000 रोजगारों का योगदान किया है, जबकि 2011-15 के दौरान टैक्स में इसका योगदान 20 अरब डॉलर का रहा है।
नैसकॉम की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। इसके अनुसार भारतीय आईटी इंडस्ट्री ने वित्त वर्ष 2011-15 के दौरान अमेरिकी राजकोष में 37.5 करोड़ डॉलर का योगदान किया। इसने अमेरिका को अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने में मदद की।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने भारत-अमेरिका रणनीतिक व वाणिज्यिक संवाद से पहले इस रिपोर्ट 'भारत के प्रौद्योगिकी उद्योग का अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान' को जारी किया। सीतारमन ने कहा, 'भारतीय प्रतिभाओं का इस्तेमाल करते हुए अमेरिकी कंपनियां बेहतर, नवोन्मेषी, लागत प्रभावी समाधान पेश करने में सफल रहीं, जिनसे उनकी वैश्विक बाजार भागीदारी सुधारने में मदद मिली।' उन्होंने कहा, 'यह बहुत सही समय पर आई रिपोर्ट है जो कि भारत अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के उक्त समीकरण पर केंद्रित है, इसमें उन फायदों की जानकारी दी गई है जो कि आलोच्य अवधि में भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिका लेकर आईं।' उन्होंने कहा कि इन फायदों में दो अरब डॉलर का निवेश, अमेरिकियों के लिए लाखों रोजगार, 20 अरब डॉलर का कर शामिल है।
नैसकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा कि अध्ययन की अवधि में भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने अकेले ही दो अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया, अमेरिकी संघीय, राज्य व स्थानीय करों के रूप में 20 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान किया और अमेरिका में 4,11,000 से अधिक रोजगार के अवसर बनाए।