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भारत की जीडीपी वृद्धि 2017-18 में 7.5 रहने का अनुमान : अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है और उसमें निम्न मुद्रास्फीति, वित्तीय सूझबूझ और निम्न घाटे के चलते लचीलापन बना रहे. पिछले वित्त वर्ष में इसमें 7.1 प्रतिशत वृद्धि रही थी.
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NDTV Profit हिंदी02:37 PM IST, 23 Apr 2017NDTV Profit हिंदी
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है और उसमें निम्न मुद्रास्फीति, वित्तीय सूझबूझ और निम्न घाटे के चलते लचीलापन बना रहे. पिछले वित्त वर्ष में इसमें 7.1 प्रतिशत वृद्धि रही थी.

जेटली ने यहां जी-20 के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में भाग लेते हुए कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक वृद्धि को आगे बढ़ाने में लगातार महत्वपूर्ण बनती जा रही हैं और वैश्विक आर्थिक विस्तार में उनका 75 फीसदी से अधिक योगदान रहा है.

एक सरकारी विज्ञप्ति में जेटली के हवाले से कहा गया है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ‘‘वैश्विक आर्थिक वृद्धि में भारत की अग्रणी देश की भूमिका रही है जहां 2016-17 के 7.1 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2017-18 में 7.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है.’’ उन्होंने मजबूत ढांचागत सुधार उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि निम्न मुद्रास्फीति, वित्तीय सूझबूझ निम्न चालू खाता का घाटा रहने के चलते भारत की वृद्धि दर में तेजी का रुख बना रहा.

जेटली ने गुरुवार को एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत इस साल जुलाई से जीएसटी लागू करने की दिशा में बढ़ रहा है. इससे करों की बहुलता खत्म होगी और भारत एक साझा बाजार बन जाएगा. विकास समिति के ‘असमानता’ विषय पर अलग से एक विशेष सत्र में भाग लेते हुये जेटली ने कहा कि धनी राष्ट्रों पर अब भी बहुपक्षवाद को सहारा देने के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल करने की बड़ी जिम्मेदारी एवं बाध्यता है. उन्हें गरीब देशों की वृद्धि एवं विकास से संबंधित नीतियों एवं कार्यक्रमों के वास्ते विश्वबैंक जैसे संगठनों को मजबूत बनाने की जरूरत है.

जेटली के अनुसार भारत ने बिजली, सड़कें, वित्तीय पहुंच, गरीबों के लिए आवास में निवेश काफी बढ़ाया है और सरकार ने समावेशी वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी सेवाओं को सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने के लिये भारत बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकीय नवोन्मेष का इस्तेमाल कर रहा है.

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