लगातार तीसरे महीने तेजी के रुख के साथ खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में दहाई अंक का स्तर पार करते हुए 10.56 प्रतिशत पर पहुंच गई। सब्जियों, खाद्य तेल, दाल और अनाज की कीमतों में तेजी से मुद्रास्फीति बढ़ी है। नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 9.90 प्रतिशत थी, जबकि अक्तूबर में यह 9.75 प्रतिशत थी।
आज जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में सब्जियों की मुद्रास्फीति 25.71 प्रतिशत रही। सब्जियों के बाद तेल एवं वसा खंड में मुद्रास्फीति 16.73 प्रतिशत रही, जबकि चीनी 13.55 प्रतिशत महंगी हुई।
समीक्षाधीन माह के दौरान दालों और अनाज के दाम साल दर साल आधार पर क्रमश: 13.46 प्रतिशत और 13.70 प्रतिशत बढ़े। वहीं मीट, मछली और अंडा 11.64 प्रतिशत महंगा हुआ।
परिधान और फुटवियर की कीमतों में 10.74 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
शहरी इलाकों में दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.42 प्रतिशत पहुंच गई, जो इससे पिछले महीने 9.69 प्रतिशत थी। वहीं ग्रामीण आबादी के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बढ़कर 10.74 प्रतिशत पहुंच गया, जो नवंबर में 9.97 प्रतिशत था।
रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति में तेजी के रुख को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति की घोषणा किए जाने की संभावना है। इस महीने के अंत में आरबीआई तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा।
थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में 7.24 प्रतिशत थी, जो रिजर्व बैंक के 5.6 प्रतिशत के स्तर से काफी ऊपर है। मुद्रास्फीति में सतत वृद्धि के मद्देनजर आरबीआई ने अप्रैल से ही ब्याज दरें जस की तस बनाए रखी हैं।