आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा है कि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति हल्की होगी, पर लंबे समय को ध्यान में रखकर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगाम के लिए मांग और पूर्ति की खाई पाटने का उपाय जरूरी है।
मायाराम ने कहा, मुद्रास्फीति की समस्या बनी रहेगी। हमारा मानना है कि इसमें निकट भविष्य में थोड़ा सुधार होगा। लेकिन दीर्घ काल में मुद्रास्फीति को छोटे इकाई अंकों तक सीमित रखने के लिए हमें सब्जियों का उत्पादन बढ़ाना होगा और इसकी धुलाई आदि के प्रबंध में सुधार करने होंगे। थोक मूल्य पर और खुदरा मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति की दरें नवंबर में क्रमश: 7.52 और 11.24 प्रतिशत रहीं। मुद्रास्फीति का यह दबाव मुख्य रूप से सब्जियों तथा प्रोटीन के श्रोत वाले खाद्य उत्पादों की महंगाई की वजह से है।
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, जहां तक खाद्य वस्तुओं की मांग का सवाल है, तो इस पर कीमत बढ़ने का फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि कृषि मंडी परिषद् कानून में संशोधन की नितांत आवश्यकता है।