सरकार ने शुक्रवार को बताया कि मार्च 2012 तक देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 2.28 करोड़ थी जबकि 2004 की ब्रॉडबैंड नीति के तहत 2010 तक इन उपभोक्ताओं की संख्या चार करोड़ किए जाने का लक्ष्य था।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने धर्मेंद्र प्रधान के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2012 के आंकड़ों के अनुसार देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 2.28 करोड़ थी जबकि 31 मार्च 2011 को 1.96 करोड़ और 31 मार्च 2010 को 1.6 करोड थी।
सिब्बल ने कहा कि ब्राडबैंड नीति 2004 के तहत 2005 का लक्ष्य 60 लाख, 2007 के लिए 1.8 करोड़ और 2010 के लिए चार करोड़ उपभोक्ता था। उन्होंने बताया कि इंटरनेट और ब्राडबैंड के विकास में कई बाधाएं हैं।
उन्होंने कहा कि इन बाधाओं में ब्राडबैंड सेवाओं के लाभकारी नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क का विस्तार करने में निजी परिचालकों की रूचि का नहीं होना, ओएफसी नेटवर्क को बिछाने में कठिनाइयां, पीसी की कम उपलब्धता आदि शामिल हैं।