ऋण घोटालों के शिकार पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने लापता कर्जदारों का पता लगाने के लिये जासूसी एजेंसियों के को अनुबंधित करने की प्रक्रिया शुरू की है. बैंक ने इसके लिए ऐसी एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं. अनुबंधित जासूसी एजेंसियों का काम उन कर्जदारों (सह-कर्जदार) गांरटी देने वालों, उनके कानूनी वारिस का पता लगाना होगा जिनके बारे में कुछ जानकारी नहीं है और उन्होंने जो पता दिया, वहां कोई नहीं रहता.
पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हैं. उसका फंसा कर्ज दिसंबर 2017 में 57,519 करोड़ रुपये या सकल कर्ज का 12.11 प्रतिशत पहुंच गया.
फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली को लेकर ऐसी खबर है कि पीएनबी ‘गांधीगिरी’ का भी रास्ता अपनाएगा. इसके तहत कर्ज नहीं लौटाने वाले कर्जधारकों के नाम सार्वजनिक किये जाएंगे. बैंक हर महीने 150 करोड़ रुपये तक फंसे कर्ज की वसूली का प्रयास करेगा. जौहरी नीरव मोदी और मेहलु चोकसी की धोखाधड़ी से बैंक 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का शिकार हुआ है.
बैंक ने कहा कि पीएनबी ने जासूसी करने वाली एजेंसियों का पैनल बनाने को लेकर आज आवेदन आमंत्रित किये. इसका मकसद फंसे कर्ज की वसूली में तेजी लाना है. ये एजेंसियां क्षेत्र में कर्ज वसूली के लिये काम कर रहे कर्मचारियों की सहायता करेंगी. इसमें रूचि रखने वाले पक्षों से पांच मई तक आवेदन और जरूरी दस्तावेज देने को कहा गया है.
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