द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी एवं 2जी मामले में अभियोजन की महत्वपूर्ण गवाह दयालु अम्मल ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर आज आग्रह किया कि उन्हें चिकित्सा आधार पर विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष गवाह के रूप में पेशी से छूट प्रदान की जाए।
उन्होंने निचली अदालत के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी। निचली अदालत ने उन्हें मामले में गवाह के रूप पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया था।
अम्मल (82) ने पूर्व में दिल्ली हाईकोर्ट से संपर्क किया था, लेकिन इसने 4 जुलाई को उनसे शीर्ष अदालत जाने को कहा था।
हाईकोर्ट ने सीबीआई से यह सुनिश्चित करने को भी कहा था कि सोमवार, 8 जुलाई को दोपहर तक निचली अदालत द्वारा कोई प्रतिरोधी आदेश पारित नहीं किया जाए, अम्मल को इस तारीख को निचली अदालत के समक्ष अभियोजन के गवाह के रूप में पेश होने के लिए सम्मन जारी किया गया था।
इसने अम्मल से शीर्ष अदालत जाने को कहा था, क्योंकि यह 2जी मामले की निगरानी कर रहा है।
अम्मल ने हाईकोर्ट में दायर अपने आवेदन में कहा था कि पिछले साल जून में पता चला था कि वह बोधात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं और वह धीरे-धीरे अपने करीबियों तथा प्रियजनों तक को भी भूलती जा रही हैं।