कश्मीर में अशांति से घाटी की अर्थव्यवस्था को 6,400 रपए का भारी-भरकम नुकसान हुआ है जबकि कर्फ्यू और अलगावादियों द्वारा बुलाई गई हड़ताल के कारण कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद कश्मीर में भड़के विरोध के मद्देनजर पिछले 49 दिनों में कश्मीर में पर्यटन और अन्य कारोबारी गतिविधियां ठप हो गई.
प्रदर्शकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष के कारण राज्य में 66 लोग मारे जा चुके हैं और हजारों अन्य घायल हो चुके हैं. दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय और पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं क्योंकि अलगाववादी समूहों ने वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा में नागरिक विरोध के बाद पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है.
कश्मीर कारोबारी एवं विनिर्माता परिसंघ (केटीएमएफ) के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन खान ने यहां कहा, "कश्मीर को रोजाना करीब 135 करोड़ रपए का नुकसान हो रहा है और अब तक 6,400 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है."