केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईडीबीआई बैंक ऋण चूक मामले में आरोपपत्र दायर किया. यह मामला किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित है. इस मामले में एयरलाइंस के प्रवर्तक विजय माल्या वांछित आरोपी हैं. अदालत माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित कर चुकी है. मुंबई में विशेष अदालत के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि किंगफिशर एयरलाइंस ने आईडीबीआई बैंक से हासिल 900 करोड़ रुपये के ऋण में 263 करोड़ रुपये का हेरफेर किया और इसका 'व्यक्तिगत इस्तेमाल' किया.
जांच एजेंसी ने इस मामले में पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस तथा नौ अन्य को आरोपी बनाया है. इनमें आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल भी शामिल हैं, जिन्हें सोमवार को 2015 के ऋण चूक मामले में गिरफ्तार किया गया है.
इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी की धाराओं तथा भ्रष्टाचार रोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दायर किया गया है. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस के कार्यकारियों द्वारा ऋण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए संदिग्ध लेनदेन को लेकर अपनी जांच खुली रखी हैं. उन्होंने कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया है कि 900 करोड़ रुपये के ऋण में 263 करोड़ रुपये का हेरफेर किया गया.
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