किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कम्पनी को सोमवार को अपनी सभी 50 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि प्रमाणित इंजीनियर इस बात की जांच करेंगे कि वह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों का पालन करती है या नहीं। उन्होंने कहा कि यदि कम्पनी जांच में असफल रहेगी, तो उसे उड़ान संचालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सिंह ने कहा, "मैंने महानिदेशालय से मामले को देखने के लिए कहा है। यदि सुरक्षा मानक पूरी नहीं होती है, तो हम उसे उड़ान की अनुमति नहीं देंगे।"
महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक महानिदेशक अरुण मिश्रा ने विमानन कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल को कम्पनी के संचालन पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए बुलाया है।
किसी भी विमान की उड़ान के लिए रखरखाव इंजीनियरों की मंजूरी मिलना जरूरी होता है। ये इंजीनियर उन्हें तनख्वाह न मिलने व लगभग छह महीने का बकाया न मिलने के विरोध में रविवार रात अचानक हड़ताल पर चले गए। जिसके कारण कम्पनी उड़ानों का संचालन नहीं कर पाई।
इंजीनियरों ने पांच अक्टूबर तक बकाए वेतन का भुगतान करने की मांग की है।
किंगफिशर के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा, "हड़ताली कर्मचारियों ने धमकी दी, यहां तक कि जो कर्मचारी हमेशा की तरह काम पर पहुंचे उनके साथ मारपीट भी की।"
कम्पनी ने कहा कि वह कर्मचारियों से बात कर रही है और संचालन शुरू करने के लिए प्रबंधन हर सम्भव उपाय करेगा।