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पतंग बाजार में भी पीएम नरेंद्र मोदी की 'डिमांड', जीएसटी से मिल रही कड़ी 'टक्कर'

जरा सोचिये कि रंग बिरंगी चौकोर पतंगे हवा में उड़ान भरते हुए एक कर प्रणाली का संदेश दें तो कैसा लगेगा.
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NDTV Profit हिंदी05:08 AM IST, 07 Aug 2017NDTV Profit हिंदी
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जरा सोचिये कि रंग बिरंगी चौकोर पतंगे हवा में उड़ान भरते हुए एक कर प्रणाली का संदेश दें तो कैसा लगेगा. जी हां, जम्मू कश्मीर में जीएसटी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाली पतंगों की मांग इस त्यौहारी मौसम में खूब हो रही है. बॉलीवुड के कलाकारों और बच्चों के पसंदीदा कार्टून किरदारों वाली पतंगों के सामने जीएसटी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाली पतंगों की मांग खासी चुनौती पेश कर रही है. देश के उत्तरी हिस्से में कई शहरों में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पतंग उड़ाने का चलन है. जम्मू क्षेत्र में भी रक्षा बंधन और जन्माष्टमी पर लोग पतंग उड़ाते हैं. दोनों ही त्यौहार करीब हैं और बाजार में उनकी धूम साफ नजर आ रही है. 

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मोदी की तस्वीर वाली पतंगों की डिमांड: पुराने शहर के पक्का दुंगा इलाके के दुकानदार राकेश छिब्बर ने बताया 'मैं कई दशकों से पतंगों का कारोबार कर रहा हूं लेकिन प्रधानमंत्री, बॉलीवुड के कलाकारों और बच्चों के पसंदीदा कार्टून किरदारों की तस्वीरों वाली पतंगों के आने से इनकी बिक्री कई गुना बढ़ गई है.' छिब्बर ने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में मोदी की तस्वीर और उनके लोकप्रिय नारों 'सबका साथ सबका विकास', 'स्वच्छ भारत' तथा 'मेक इन इंडिया' वाली पतंगों का खास आकर्षण है. 

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250 रुपए तक की है पतंग: पतंग बनाने का सामान दिल्ली से खरीद कर छिब्बर खुद पतंग बनाते हैं और फिर उन्हें बिक्री के लिए रखते हैं. उन्होंने बताया कि बाजार में उपलब्ध पतंगों की कीमत एक रुपये से लेकर 250 रुपये तक है. उन्होंने कहा 'जीएसटी व्यवस्था का हमारे कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा. बीते बरसों की तरह हमारा धंधा अच्छा चल रहा है.' छिब्बर ने कहा कि उन्होंने पतंग बनाने के लिए कच्चा माल जीएसटी लागू होने से पहले खरीदा था लेकिन 'नयी व्यवस्था के शुरू होने के बाद चीजें कैसे बदलेंगी, यह अभी देखना बाकी है.' बाजार रंग बिरंगी पतंगों से भरा पड़ा है. बच्चे तरह तरह की पतंगें खरीद रहे हैं. 

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इस साल बंपर बिक्री की उम्मीद: तालाब तिल्लू इलाके में दुकान पर आए बच्चों के एक समूह ने कहा 'कल हमारा दिन है जब हम पूरे दिन पतंग उड़ाएंगे.' उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन के मौके पर पतंग उड़ाना शहर की परंपरा है और हम बचपन से ही ऐसा करते आ रहे हैं. छिब्बर ने कहा कि वह हर सीजन में 8000 से 10000 पतंगें बेचते हैं लेकिन लोगों का मूड और भीड़ देख कर लगता है कि इस साल बम्पर बिक्री होगी. कॉस्मेटिक एवं उपहारों की दुकान चलाने वाले अमित शर्मा ने कुछ समय तक पतंग बेचने का फैसला किया है. उन्होंने कहा 'रक्षा बंधन पर पतंग बहुत बिकती हैं. इससे हमें अतिरिक्त आमदनी हो जाएगी.' 

वीडियो: यूपी में नेताओं की तस्वीर वाली पतंगों की मांग...



कार्टून किरदार वाले पतंगों में बच्चों की इंट्रेस्ट: शर्मा ने बताया कि बच्चों में छोटा भीम, डोरेमॉन, टॉम एंड जेरी जैसे कार्टून किरदारों और बार्बी वाली पतंगें लोकप्रिय हैं. उन्होंने कहा कि विशाल पतंगों की मांग भी है. कई ग्राहकों ने ऐसी पतंगों की मांग की है. एक अन्य दुकानदार तरूण ने बताया कि चीनी मांझे पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है और इसकी जगह स्थानीय मांझे ने ले ली है. लोग चीनी मांझे का उपयोग न करें, इसके लिए पुलिस ने शहर में विशेष अभियान चलाया है. 

पिछले साल इन धागों की वजह से कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की कई घटनाओं के बाद सरकार ने चीनी मांझे की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी थी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया 'हमने चीनी मांझे पर कड़ा प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए पिछले सप्ताह से बाजार में विशेष अभियान चलाया हुआ है.' उन्होंने बताया कि चीनी मांझा खुले बाजार में उपलब्ध नहीं है. अधिकारी ने बताया 'हम पूरी नजर रख रहे हैं और अगर कोई प्रतिबंधित मांझा बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कानून के मुताबिक समुचित कार्रवाई की जाएगी.'
 

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