Lockdown: कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. अब देश के बड़े रेस्टोरेंट और रिटेल चेन ने मॉल मालिकों से गुज़ारिश की है कि इस अप्रत्याशित लॉकडाउन के दौर में उनका बिज़नेस ठप पड़ चुका है और उनसे 3 महीने रेंट नहीं लिया जाए.
हर रोज़ जगमग रहने वाले और नए ज़माने की पहचान रहे मॉल इन दिनों बंद पड़े हैं. भुगतना दुकानों और रेस्तराओं को पड़ रहा है. अब बड़े रेस्तरां और रिटेल चेन के मालिकों ने मॉल मालिकों से कहा है कि लॉकडाउन से उनका बिज़नेस पूरी तरह से ठप पड़ गया है. इस संकट से उबरने में उन्हें कई महीने लगेंगे. उनसे मार्च से मई तक किराया न वसूला जाए.
वैसे देश में रेस्टोरेंट का कारोबार करीब 4.2 लाख करोड़ का है. कैफेटेरिया एंड कंपनी के पार्टनर अखिल मलिक ने NDTV से कहा- "दूसरी इंडस्ट्रीज की तरह हमारा बिज़नेस भी बहुत ज्यादा प्रभावित है. अगर लॉकडाउन खुल भी जाता है तो हालात सामान्य होने में काफी समय लगेगा. हमारे सेक्टर में रेंट ज्यादा है, मॉल और साइबर हब्स में. हम चाहते हैं कि हमें टेम्पररी रेंट वेवर मिल जाए ताकि हम इस बिज़नेस को चलाते रहें."
उधर सेलेक्ट सिटी मॉल के चेयरमैन ने एनडीटीवी से बातचीत में माना कि उनके पास रेस्टोरेंट और रिटेल चेनों की तरफ से रेंट में राहत की मांग आई है.
अर्थशास्त्री वेद जैन ने NDTV से कहा कि "रेंट का डेफेरमेंट हो जाए और आरबीआई ने जैसे कहा है ईएमआई में मोरेटोरियम देना है.. कुछ हद तक राहत दी जानी चाहिए. लेकिन जिसने रेंट पर स्पेस दिया है उसका भी बिज़नेस है. रेंट कुछ कम हो सकता है लेकिन कम्पलीट वेवर मुश्किल होगा क्योंकि मॉल मालिकों का बिज़नेस भी अफेक्टेड है."
साफ़ है संकट के दौर में अलग-अलग सेक्टरों में बिज़नेस ठप पड़ता जा रहा है, कोरोना वायरस का संकट अगर लंबा चला तो आर्थिक राहत की मांग और बढ़ेगी और साथ ही सरकार की चुनौतियां भी.