ADVERTISEMENT

सातवें और छठे वेतन आयोग के आधार पर मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते 2-3 फीसदी बढ़े

मध्यप्रदेश सरकार ने शासकीय सेवकों के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सातवें और छठे वेतनमान के आधार पर महंगाई भत्ते में दो और तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है.
NDTV Profit हिंदीIANS
NDTV Profit हिंदी09:53 AM IST, 09 May 2018NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

मध्यप्रदेश सरकार ने शासकीय सेवकों के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सातवें और छठे वेतनमान के आधार पर महंगाई भत्ते में दो और तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में शासकीय सेवकों, पेंशनरों, स्थानीय निकायों में नियोजित अध्यापक संवर्ग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिवों तथा स्थायी कर्मी के महंगाई भत्ता या राहत की दर में एक जनवरी, 2018 से सातवें वेतनमान में दो प्रतिशत और छठे वेतनमान में तीन प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय लिया गया. महंगाई भत्ते की प्रस्तावित वृद्धि का नगद भुगतान जनवरी, 2018 (जनवरी, 2018 का वेतन फरवरी, 2018 में देय होगा) से किया जाएगा. 

पढ़ें - सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी : अब यहां भी लागू हुआ 7वें वेतन आयोग

मंत्रिपरिषद ने मध्यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 में प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से संशोधन करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के मुताबिक, नियमित स्थापना में स्वीकृत ऐसे पद या पदोन्नति से भरे जाने वाले पद, जिनकी पूर्ति में अपरिहार्य कारणों से एक वर्ष से अधिक की अवधि लगना संभावित हो, वे संविदा नियुक्ति के जरिए भरे जा सकेंगे.

पढ़ें - 2019 चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को खुश करने के लिए सरकार उठा सकती है ये कदम

मंत्रिपरिषद ने मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण) नियम 1998 के नियम 4-ख में संशोधन कर जिला छिंदवाड़ा एवं सिवनी के भारिया जनजाति के ऐसे आवेदक को, जो संविदा शाला शिक्षक या तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिए या वनरक्षक (कार्यपालिक) के लिए आवेदन करता है और उस पद के लिए तय की गई न्यूनतम अर्हता रखता है, तो उसे भर्ती प्रक्रिया अपनाए बिना उस पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया. पहले यह प्रावधान केवल छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकासखंड के लिए था.

पढ़ें - सातवां वेतन आयोग : सरकार की ओर से न्यूनतम वेतनमान पर संसद में दिया गया यह बयान

चर्चा है कि सरकार को चुनावी साल में कर्मचारियों की नाराजगी की खबरें मिल रही थीं, इसलिए उन्हें खुश करना जरूरी समझा गया. कर्मचारियों को बड़ा वोटबैंक मानते हुए विपक्षी कांग्रेस ने भी उनसे संपर्क साधना शुरू कर दिया है. सोमवार को इंटक के सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित कई बड़े नेताओं के शामिल होने के यही मायने निकाले जा रहे हैं.

NDTV Profit हिंदी
लेखकIANS
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT