महाराष्ट्र सरकार की कर्ज येाजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिनकी आय का एकमात्र स्रोत कृषि है. चौदह जून को जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार जिन्हें अन्य कामों से आय हो रही है, उन्हें इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है, भले ही उनके पास कृषि जमीन क्यों न हो.
इस योजना के तहत किसानों को 10000 रुपये की प्रारंभिक फसल कर्ज सहायता दी जाती है. राज्य के सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख ने कहा, 10000 रुपये की प्रारंभिक कर्ज सहायता योजना मुश्किल में फंसे केवल उन किसानों के लिए है जिनके पास कृषि ही एकमात्र आय का स्रोत है. इसलिए, जीआर में विस्तृत सूची तैयार की गयी है जो उन लोगों को बाहर कर देगी जिनके पास आय के दूसरे स्रोत हैं.
उन्होंने कहा, पहली बार इतनी बारीकी से जीआर मसौदा तैयार किया गया है ताकि अनुचित लाभार्थियों को दूर रखा जा सके. ग्रामीण एवं अर्धशहरी क्षेत्रों के कई शिक्षक, प्रोफेसर,दुकानदार और सेवा प्रदाता कृषि पर पूरी तरह आश्रित नहीं होते लेकिन वे कृषि के लिए कर्ज लाभ लेते हैं.
जीआर में कहा गया है कि स्थानीय निकाय और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक और शिक्षण कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं होंगे. इसी प्रकार महाराष्ट्र दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम 1948 में दर्ज लोग भी लाभार्थियों की सूची से बाहर होंगे.
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