किसी भी महीने की आखिरी तारीख किसी भी नौकरीशुदा के लिए खास दिन होता है. आखिर उस दिन सैलरी आती है... सैलरी आने के कुछ ही दिनों में तमाम बिल, ईएमआई आदि भरते भरते सैलरी का बड़ा हिस्सा खत्म हो जाता है और महीने के अंत तक हम फिर से मंथ की आखिरी तारीख का इंतजार कर रहे होते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि इस सबके बीच आपको अपने उन खर्चों के बारे में भी सोचना और प्लान कर लेना चाहिए जो भविष्य में कभी भी करने पड़ सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि आप सैलरी आते ही नीचे दिए गए 4 काम जरूर कर लें.
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1- फिक्स्ड खर्चे जैसे कि लोन की किश्तें..
सैलरी से सबसे पहले उन खर्चों को पूरा करना चाहिए जोकि फिक्स्ड होते हैं और जिनकी डेडलाइन होती है. जैसे कि फोन बिल, इंटरनेट बिल, बच्चों की फीस, क्रेडिट कार्ड बिल, मकान का किराय या फिर लोन की EMI. अब आप इस खर्चे के लिए सैलरी से कितना पैसा निकालते हैं ये इस बात पर तय करता है कि कुल कितना बिल व ईएमआई आपको भरना है. ये कुल खर्चा निकालने के बाद अगले के पॉइंट्स पर गौर करें.
2- रोजमर्रा के खर्चों के लिए..
जब फिक्स्ड खर्चे पूरे कर लें तो उसके बाद बची हुई सैलरी में से एक हिस्सा (संभवत : सबसे बड़ा हिस्सा) अपने प्रतिदिन के खर्चों के लिए निकाल लें. जैसे कि राशन पानी के खर्चे. किसी प्रकार की बीमारी आदि पर खर्च होने के लिए भी आपके पास फंड होना चाहिए.
3- आपातकाल के लिए...
इमर्जेंसी के लिए भी फंड रख लें. क्योंकि आपातकाल कभी भी बताकर नहीं आता. यह भी संभव है कि आपके किसी करीबी को पैसों की जरूरत पड़ जाए. साथ ही किसी प्रकार की बीमारी या दुर्घटना के लिए फंड के तौर पर एक हिस्सा सैलरी का रख लें. कम से कम 5 फीसदी इसके नाम पर रख लें.
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4- रिटायरमेंट प्लानिंग भी जरूरी है...
वक्त के साथ साथ अर्निंग की क्षमता आमतौर पर घटती है. जितना आप युवावस्था में कमा सकते हैं उतना बुढ़ापे में नहीं. इसलिए, रिटायरमेंट के लिहाज से प्लानिंग जरूर करें. कोई न कोई बीमा जरूर लें या फिर किसी न किसी एसआईपी में निवेश करें. भविष्य को ध्यान में रखते हुए निवेश करना न भूलें.