ग्लोबल एनकैप (Global NCAP - Global New Car Assessment Programme) द्वारा किए गए क्रैश टेस्ट के ताज़ा राउंड में भारत में लोकप्रिय कारें मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट तथा डाटसन गो फेल हो गई हैं। डाटसन गो एंट्री-लेवल कार है, जिसका मुकाबला मारुति सुज़ुकी की ऑल्टो-800 तथा ह्युंडाई की ईयॉन से किया जाता है, जबकि मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट को प्रीमियम गाड़ियों में शुमार किया जाता है।
मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट को 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले सामने से टक्कर के टेस्ट (Frontal Collision Test) में ज़ीरो स्टार रेटिंग हासिल हई। स्विफ्ट के दो वेरिएंट टेस्ट किए गए - एक वह मॉडल, जो लैटिन अमेरिकी देशों में निर्यात किया जाता है, तथा दूसरा वह, जो भारत में बेस वेरिएंट के रूप में बिकता है। लैटिन अमेरिकी बाज़ारों के नियमों के मुताबिक बेस वेरिएंट में भी एयरबैग / एबीएस होता है, जबकि भारत में ये दोनों ही मानक नहीं माने जाते।
ग्लोबल एनकैप के टेस्टिंग मानकों के अनुसार बेस वेरिएंट समेत सभी कारों में एयरबैग और एबीएस होना ही चाहिए, सो, उस हिसाब से स्विफ्ट का भारतीय मॉडल तो क्रैश टेस्ट से पहले ही फेल हो गया था, लेकिन क्रैश में भी सवारियों, खासकर ड्राइवर की डमी को लगभग घातक चोटें आईं।
इस पर मारुति सुजुकी ने प्रतिक्रिया दी है कि मारुति सुजुकी भारत में जो गाड़ियां बनाती और बेचती है वे भारत में लागू मौजूदा कायदे कानून के मुताबिक है। इसी तरह मारुति अपनी जिन गाड़ियों का निर्यात करती है वह संबंधित देशों की सुरक्षा और दूसरे मानकों पर खरी होती है। मारुति सुजुकी ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध रही है। हमने राज्य सरकारों की मदद से लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए ड्राइविंग, ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट मारुति ड्राइविंग स्कूल का एक नेटवर्क विकसित किया है। हम भारतीय बाजार में सुरक्षित उत्पाद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने ग्राहकों को एयर बैग और एबीएस को लेकर कई विकल्प देते हैं। हम यह भरोसा दिलाते हैं कि हमारे सभी उत्पाद भविष्य के सुरक्षा मानकों पर भी खरे उतरेंगे।