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मिडकैप और स्मॉलकैप का सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन

बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने गत सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया। मिडकैप और स्मॉलकैप में जहां दो फीसदी से अधिक तेजी रही, वहीं सेंसेक्स तथा निफ्टी ने आधे फीसदी से कम प्रगति की।
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NDTV Profit हिंदी12:03 AM IST, 09 Dec 2012NDTV Profit हिंदी
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बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने गत सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया। मिडकैप और स्मॉलकैप में जहां दो फीसदी से अधिक तेजी रही, वहीं सेंसेक्स तथा निफ्टी ने आधे फीसदी से कम प्रगति की।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 0.44 फीसदी या 84.20 अंकों की तेजी के साथ 19,424.10 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी गत सप्ताह 0.47 फीसदी या 27.55 अंकों की तेजी के साथ 5,907.40 पर बंद हुआ।

उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर सेंसेक्स में गत सप्ताह तेजी बनाने वाले शेयरों में प्रमुख रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (6.41 फीसदी), एसबीआई (6.32 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (6.01 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.72 फीसदी) और टाटा स्टील (3.70 फीसदी)। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे इंफोसिस लिमिटेड (4.03 फीसदी), भारती एयरटेल (3.66 फीसदी), विप्रो (3.36 फीसदी), टीसीएस (2.32 फीसदी) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.57 फीसदी)।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में आलोच्य अवधि में दो फीसदी से अधिक की तेजी रही। मिडकैप 2.44 फीसदी या 168.38 अंकों की तेजी के साथ 7,070.37 पर और स्मॉलकैप इसी अवधि में 2.34 फीसदी या 170.33 अंकों की तेजी के साथ 7,445.98 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 शेयरों में तेजी रही। रियल्टी (5.18 फीसदी), तेल एवं गैस (3.13 फीसदी), धातु (2.07 फीसदी), बिजली (2.00 फीसदी) और बैंकिंग (1.66 फीसदी) में सबसे अधिक तेजी रही। सूचना प्रौद्योगिकी (4.14 फीसदी) और प्रौद्योगिकी (3.31 फीसदी) में गिरावट रही।

गत सप्ताह बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का मसला सुर्खियों में छाया रहा। लोकसभा में खुदरा में एफडीआई को अनुमति देने के सरकार के फैसले के विरोध में पेश प्रस्ताव पर मंगलवार और बुधवार को बहस हुई, जिसके आखिर में बुधवार को हुए मतदान में सरकार को जीत हासिल हो गई। इसके बाद गुरुवार और शुक्रवार को राज्य सभा में भी बहस हुई और यहां भी विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी। इस तरह देश में खुदरा में एफडीआई का रास्ता साफ हो गया।

इसी के साथ खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को लागू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम में किए गए संशोधन पर जारी अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव में भी विपक्ष को लोक सभा में मुंह की खानी पड़ी।

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