नंदन नीलेकणि की इंफोसिस में वापसी हो गई है. इंफोसिस के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नंदन नीलेकणि को कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. विशाल सिक्का के इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा देने के बाद कंपनी को स्थायित्व देने के लिए नीलकेणी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. विशाल सिक्का के बाद आर शेषैया और को-चेयरमैन रवि वेकंटसन ने भी आज शाम इस्तीफा दे दिया था.
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पांच साल तक रह चुके हैं कंपनी के सीईओ
नीलेकणि मार्च, 2002 से अप्रैल, 2007 तक कंपनी के सीईओ रहे थे. इसके बाद वह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) प्रमुख के पद पर रहे. नीलकेणी उन सात चर्चित संस्थापकों में से एक हैं जिन्होंने 80 के शुरुआती दशक में आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना की थी.
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हो रहा था नाम पर विचार
आज सुबह ही इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) टीवी मोहनदास पई ने कहा था कि कंपनी के प्रमुख निवेशक सह संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विचार-विमर्श भविष्य में कंपनी के प्रबंधन को लेकर चल रहा है. पई ने इसके साथ ही स्पष्ट किया था कि कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नंदन नीलेकणि को इंफोसिस में वापस लाने का फैसला सह संस्थापक मिलकर करेंगे.