क्या बुरे वक्त में पैसों की जरूरत के चलते आपको अपना फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने की मजबूरी आ पड़ी है? हालांकि ऐसे हालात में जरूरी नहीं कि आपको अपना फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ना ही पड़े, क्योंकि कई बैंक आपकी प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस पर ओवर ड्राफ्ट सुविधा दे रहे हैं. वहीं कुछ ऐसे भी बैंक हैं, जो सैलरी अकाउंट पर भी ओवर ड्राफ्ट की सुविधा देते हैं.
इस सुविधा के तहत आप अपने खाते में जमा राशि से ज्यादा पैसे भी निकाल सकते हैं. इसके लिए खाता धारकों को बैंक में अलग से आवेदन देना होगा. कुछ बैंक इस सुविधा की एवज में वन-टाइम फीस या प्रोसेसिंग चार्ज भी लेते हैं.
वहीं सैलरी पर ओवर ड्राफ्ट सुविधा के तहत बैंक खाता धारकों के वेतन (टेक-होम) के आधार पर कर्ज देती हैं. आम तौर पर यह मासिक वेतन का दो से तीन गुना होता है.
उदाहरण के लिए, एचडीएफसी बैंक अपने ग्राहकों को चेक, एटीएम, ऑनलाइन ट्रांसफर इत्यादी के जरिये वेतन खाते (सैलरी अकाउंट) पर ओवर ड्राफ्ट के इस्तेमाल की सुविधा देती है. इसके तहत उठाई गई राशि पर बैंक ब्याज लेते हैं. सैलरी ओवर ड्राफ्ट सुविधा के मामले में बैंकों ने न्यूनतम और अधिकतम सीमा भी तय कर रखी है, जैसे कि एचडीएफसी बैंक ने न्यूनतम 25,000 रुपये से अधिकतम 1 लाख रुपये की सीमा तय की है.
ओवर ड्राफ्ट सुविधा के अंतर्गत ली गई राशि को लौटाने की अवधि हर बैंक में अलग-अलग हो सकती है. जैसे कि एसबीआई बैंक को लें, तो यहां यह अवधि 6 महीने हैं.
इस सुविधा के तहत विभिन्न संपत्ति के ऐवज में मिलने वाली अधिकतम राशि की सीमा काफी ज्यादा होती है. उदाहरण के लिए, एक्सिस बैंक आपके फिक्स्ड डिपॉजिट के कुल वैल्यू का 85 फीसदी तक कर्ज के रूप में दे देता है और इसे चुकाने की अवधि फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि पूरा होने तक होती है. एक्सिस बैंक इस राशि पर फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में 2% अधिक ब्याज लेती है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)