देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने पेट्रोलियम (हाइड्रोकार्बन) क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि तेल खोज और पेट्रोलियम पदार्थों के विपणन क्षेत्र में सरकार को दीर्घकालिक नीति अपनाने की आवश्यकता है।
फिक्की हाइड्रोकार्बन समिति के चेयरमैन और ओएनजीसी के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरएस शर्मा ने शुक्रवार को कहा ‘‘समूचे ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय और दीर्घकालिक सोच अपनाये जाने की आवश्यकता है। तदर्थ आधार पर निर्णय लेना क्षेत्र के लिये ठीक नहीं होगा।’’
तेल विपणन कंपनियों की भारी सब्सिडी के मुद्दे पर शर्मा ने कहा कि सरकार को इसके लिये ‘‘बेहतर प्रणाली तैयार करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम सूचीबद्ध कंपनियां हैं इनके नुकसान की भरपाई के लिए समुचित प्रणाली तैयार किए जाने की आवश्यकता है।
शर्मा ने पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर बढ़ती निर्भरता कम करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि घरेलू क्षेत्र में तेल खोज एवं उत्पादन गतिविधियों में निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
‘‘देश में उपलब्ध हाइड्रोकार्बन की खोज और उसके उत्पादन में निवेश करने वाली कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन दिये जाने की आवश्यकता है।’’ डीजल के दाम में हर महीने मामूली वृद्धि किए जाने के सरकार के हाल के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। इससे भारी नुकसान झेल रही तेल कंपनियों को सहारा मिलेगा।
थोक ग्राहकों को बाजार मूल्य पर डीजल देने के फैसले पर शर्मा ने कहा ‘‘शुरुआत में कई तरह की अड़चनें आ सकती हैं, इससे निपटना होगा, लेकिन बड़े बड़े मॉल, जनरेटर सैट और दूसरे व्यावसायिक कार्यों के में इस्तेमाल होने वाले डीजल के लिये बाजार मूल्य वसूला जाना उचित है।’’