चालू खाते के घाटे (कैड) पर काबू पाने के एक और प्रयास के तहत भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और अन्य अधिकृत एजेंसियों द्वारा सोने के आयात पर कुछ और ‘प्रतिबंध’ लगा दिए।
नए नियमों के अनुसार सभी बैकों और अधिकृत एजेंसियों को आयातित सोने का कम से कम 20 प्रतिशत निर्यात के लिए उपलब्ध कराना होगा और इतनी मात्रा में आयातित सोने को सीमा शुल्क विभाग के पास रखना होगा।
रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार, ‘सभी निर्दिष्ट बैंकों, एजेंसियों को कम से कम सोने के आयात का (किसी भी रूप में) पांचवां हिस्सा यानी 20 प्रतिशत निर्यात के उद्देश्य से उपलब्ध कराना होगा। इसमें आगे कहा गया है कि इस तरह का आयात निर्दिष्ट एजेंसियों द्वारा निर्यातकों को वित्त उपलब्ध कराने से संबद्ध होगा।
बैंकों और अन्य इकाइयों को आयातित सोने की 20 प्रतिशत मात्रा सीमा शुल्क विभाग से जुड़े गोदामों में रखनी होगी। केंद्रीय बैंक के इन नए कदमों का मकसद सोने के आयात पर अंकुश रखना है।
तेल के साथ सोना का अधिक आयात ही चालू खाते का घाटा बढ़ने की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। 2012-13 में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के रिकार्ड 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक और सरकार ने इससे पहले भी कैड पर नियंत्रण के लिए सोने के आयात पर कुछ अंकुश लगाए थे। सोने के आयात पर आयात शुल्क में तीन बार वृद्धि की गई।