ADVERTISEMENT

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और पार्श्वनाथ में नहीं हुआ कोई समझौता, पैसे मिलेंगे वापस

सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राजवर्धन राठौड़ और पार्श्वनाथ डेवलपर्स के बीच फ्लैट को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया है. सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स को राजवर्धन राठौड़ का पैसा वापस करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने बताया कि उन्होंने कुछ पैसे राजवर्धन राठौड़ को पहले दे दिए हैं और कुछ पैसों का उन्होंने चेक दिया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी01:28 PM IST, 04 Sep 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राजवर्धन राठौड़ और पार्श्वनाथ डेवलपर्स के बीच फ्लैट को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया है. सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स को राजवर्धन राठौड़ का पैसा वापस करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने बताया कि उन्होंने कुछ पैसे राजवर्धन राठौड़ को पहले दे दिए हैं और कुछ पैसों का उन्होंने चेक दिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स को कहा कि अगर चेक समय सीमा के भीतर कैश नहीं हुए तो डायरेक्टर पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा. इतना ही नहीं 50 लाख जुर्माना भी लगाया जा सकता है. कोर्ट ने राजवर्धन राठौड़ को कहा कि अगर पैसे कैश नही होते तो केस की फिर से सुनवाई के लिए वो अर्जी दाखिल कर सकते हैं. कोर्ट ने याचिका का निस्तारण किया.

यह भी पढ़ें : एक ओलिंपियन को मिली खेल मंत्रालय की कमान, विजय गोयल संसदीय मामलों के राज्‍यमंत्री बनाए गए

इससे पहले कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राठौर, पार्शवनाथ बिल्डर और कोर्ट कमिश्नर मिलकर आपसी बातचीत कर कोई हल निकालने की कोशिश करने के लिए कहा था. लेकिन राठौड़ ने कोर्ट को बताया कि फ्लैट उनके मुताबिक नहीं है इसलिए वो अपना पैसा वापस चाहते हैं.
VIDEO: तिरंगा यात्रा निकालते राज्यवर्धन सिंह राठौड़.


बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस बारे में अपनी रिपोर्ट कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी. राठौड़ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि जो फ्लैट दिया गया वहां पार्किंग नहीं है और सड़क भी सही नहीं है.
दरअसल राठौड़ ने साल 2006 में पार्श्वनाथ के गुड़गांव स्थित एग्जोटिका प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था. इसके लिए उन्होंने 70 लाख रुपये दिए थे. फ्लैट पर 2008- 2009 में कब्जा मिलना था. जनवरी में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर को ब्याज के साथ मूलधन वापस करने का आदेश दिया था. साथ ही मुआवजा देने का आदेश दिया था. इस फैसले को पार्श्वनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT