श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने कहा कि भारत और चीन ऐसे देश हैं, जो पूरी दुनिया में आर्थिक वृद्धि को गति दे सकते हैं तथा विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों के लिए कहीं और जाने के लिए जगह नहीं है.
उन्होंने कृषि से संबंधित आर्थिक नीतियों के संदर्भ में अलग-अलग व्यवहार को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना की और कहा, एशिया को अगर नियम (नीतियां) बनाने की अनुमति दी जाए तो यह विश्व को आर्थिक संकट से उबार देगा. विक्रमसिंघे ने कहा, इस साल डब्ल्यूइएफ दिल्ली में है, जो यह कहता है कि दुनिया यह अपेक्षा करती है कि भारत संभावनाओं को हकीकत में बदले..हम एक और ऐतिहासिक क्षण की दहलीज पर हैं.
अगर सुधारों की गति तेजी से आगे नहीं बढ़ती है, कंपनियां किसी और जगह को देख सकती हैं, पर कहां? यह भारत और चीन हैं. यह वास्तविकता है. आज कोई ऐसी जगह नहीं हैं जहां आप जाएं.
उन्होंने कहा, पश्चिमी देशों ने वैश्वीकरण पर नियम लिखे और हमें केवल उसके आधार पर चलना है. जब लोग वहां गए और अपने कोष तथा संपत्ति पश्चिमी देशों में जमा की, किसी ने शिकायत नहीं की. जब उनके लोग (पश्चिमी देशों) स्विट्जरलैंड जाने लगे, उन्होंने शिकायत करना शुरू कर दिया.
विक्रमसिंघे ने कहा, विश्व को आर्थिक संकट से एशिया बाहर निकालेगा..अन्यथा हम स्वयं यहां (एशिया) प्रणाली विकसित करेंगे जो बेहद स्थिर प्रणाली होगी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ श्रीलंका इस साल आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता (ईटीसीए) करेगा.
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