रीयल एस्टेट कंपनियों का मानना है कि नोएडा एक्सटेंशन में घरों की कीमतों में कम से कम 25 प्रतिशत का इजाफा होगा। सरकार ने ग्रेटर नोएडा के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है, जिससे वहां निर्माण का रास्ता खुल गया है।
पिछले एक साल से इस क्षेत्र में निर्माण बंद था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) ने मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। अदालत के अक्टूबर, 2011 के आदेश के तहत यह जरूरी था। एनसीआर के नए प्रस्तावित आवासीय हब नोएडा एक्सटेंशन में किसी निर्माण के लिए अदालत ने इसे अनिवार्य कर दिया था। वहां करीब ढाई लाख फ्लैटों का निर्माण शुरू हो गया था। इनमें से डेढ़ लाख फ्लैट एक साल पहले किसानों के विरोध के बाद निर्माण कार्य रुकने से पहले ही बिक चुके थे।
आम्रपाली के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा ने कहा, एनसीआरपीबी की मंजूरी के बाद नोएडा एक्सटेंशन में घरों की मांग काफी तेज रहेगी, जबकि आपूर्ति कमजोर है। कई वजहों मसलन किसानों को अधिक मुआवजे के भुगतान तथा उत्पादन लागत में बढ़ोतरी से दाम बढ़ेंगे। शर्मा ने कहा कि नोएडा एक्सटेंशन में मकानों की कीमतों में 25 फीसदी तक इजाफे की उम्मीद है। फिलहाल यहां दाम 2,100 से 2,220 रुपये प्रति वर्ग फुट हैं, जो बढ़कर 2,600 रुपये प्रति वर्ग फुट तक हो सकते हैं।
इस क्षेत्र में कार्यरत एक अन्य कंपनी सुपरटेक का मानना है कि पिछले साल की तुलना में फ्लैट की कीमतों में 35 से 40 फीसदी का इजाफा होगा। सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि यहां निर्माण 15 सितंबर से शुरू होगा। अरोड़ा ने कहा कि पिछले साल मई में किसानों का विरोध शुरू होने से पहले हम 2,300 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से घरों की बिक्री कर रहे थे। अब हम नोएडा एक्सटेंशन में 3,200 रुपये प्रति वर्ग फुट की परियोजनाएं शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में निर्माण सामग्री की कीमतों तथा ब्याज दरों में काफी इजाफा हुआ है।
प्रॉपर्टी सलाहकार जोंस लांग लासाले इंडिया (जेएलएल) का भी मानना है कि नोएडा एक्सटेंशन में कीमतों में इजाफा होगा। हालांकि यहां दाम नोएडा और ग्रेटर नोएडा से कम ही रहेंगे। जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (परिचालन) संतोष कुमार ने कहा कि इस क्षेत्र को सस्ते घरों का इलाका कहा जाता है। लागत वृद्धि का काफी बोझ डेवलपर्स उठा रहे हैं, ऐसे में कीमतों में थोड़ी-बहुत बढ़ोतरी होगी।