पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोलियम सब्सिडी कम करने की दिशा में एक अनूठी पहल की है। वह खुद वीआईपी लोगों, मंत्रियों और नेताओं को फोन करके सब्सिडी वाला सिलेंडर छोड़ने का आग्रह कर रहे हैं।
प्रधान हर दिन एक विशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) को फोन करके उनसे सब्सिडी वाला सिलेंडर लेना बंद करने का आग्रह कर रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्री बनने के बाद प्रधान ने खुद भी सस्ती दर पर रसोई गैस लेना बंद कर दिया और तब से वह बाजार दर पर ही सिलेंडर खरीद रहे हैं।
प्रधान चाहते हैं कि सब्सिडी वाला ईंधन सिर्फ जरूरतमंद व्यक्ति को ही मिलना चाहिए। उनके आग्रह पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सस्ता गैस सिलेंडर लेना बंद कर दिया और आज अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी ऐसा ही किया।
बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर जारी संदेश में कहा कि उन्होंने भी सब्सिडी वाला एलपीजी कनेक्शन वापस कर दिया है। उन्होंने कहा 'मेरा मानना है कि अमीर और सुविधा-संपन्न लोग जो बाजार मूल्य पर एलपीजी खरीद सकते हैं उन्हें स्वेच्छा से सब्सिडी वाले सस्ते दाम पर गैस सिलेंडर लेना बंद कर देना चाहिए।'
कई राजनेताओं और नौकरशाहों ने सब्सिडीशुदा एलपीजी सिलिंडर का उपयोग बंद कर दिया है। उन्होंने कहा 'मैं व्यक्तिगत तौर पर रोज एक विशिष्ट व्यक्ति को सब्सिडी वाला एलपीजी कनेक्शन छोड़ने का आग्रह कर रहा हूं। आज मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को फोन करके ऐसा करने को कहा।'
उपभोक्ताओं को इस समय सालभर में 14.2 किलो के सब्सिडी वाले 12 गैस सिलेंडर मिलते हैं। उपभोक्ता बड़े सिलेंडर की जगह पांच किलो वाले 34 सिलिंडर भी सस्ती दर पर ले सकते हैं। दिल्ली में सब्सिडी वाला 14.2 किलो का सिलिंडर फिलहाल 417 रुपये में उपलब्ध है, जबकि पांच किलो के छोटे सिलिंडर की कीमत 155 रुपये है।
दूसरी तरफ 14.2 किलो वाले सिलेंडर का बाजार मूल्य 708.50 रुपये और पांच किलो के सिलेंडर का 351 रुपये है। ऐसे में सब्सिडी वाला सस्ता सिलेंडर छोड़ने से सरकार को इन पर दी जाने वाली सब्सिडी की बचत होगी। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने एलपीजी पर 46,458 करोड़ रुपये सब्सिडी दी थी।