ADVERTISEMENT

कर्ज बकाये का भुगतान करें अन्यथा दूसरों के हवाले करें कारोबार: कर्जदार कंपनियों से वित्त मंत्री ने कहा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों का कर्ज लेकर उसे नहीं लौटा पाने वाली निजी कंपनियों के मालिकों से कहा है कि वह अपना बकाया चुकायें या फिर कारोबार छोड़कर उसका नियंत्रण किसी दूसरे के हवाले कर दें.
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी01:34 PM IST, 31 Aug 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों का कर्ज लेकर उसे नहीं लौटा पाने वाली निजी कंपनियों के मालिकों से कहा है कि वह अपना बकाया चुकायें या फिर कारोबार छोड़कर उसका नियंत्रण किसी दूसरे के हवाले कर दें.

पढ़ें- प्रत्यक्ष संग्रह पर भी असर डालेगा जीएसटी : अरुण जेटली

भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता कानून के तहत हाल ही में ऐसी 12 बड़ी कर्जदार कंपनियों के खिलाफ दिवाला कारवाई शुरू करने का बैंकों को निर्देश दिया है. इन कंपनियों में दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज फंसा हुआ है. यह राशि बैंकों के कुल फंसे कर्ज का एक चौथाई के करीब है.

बैंकों से कर्ज लेकर उसे नहीं लौटा पा रहे कुछ और कर्जदारों के खिलाफ भी कारवाई को अधिसूचित किया जा रहा है. जेटली ने कहा कि सरकार बैंकों को और पूंजी उपलब्ध कराने के लिये तैयार है लेकिन फंसे कर्ज का समाधान सरकार के लिये बड़ी प्राथमिकता है.

वित्त मंत्री ने यहां इकोनोमिस्ट सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता कानून के जरिये, मैं समझता हूं कि देश में पहली बार फंसे कर्ज के मामले में सक्रिय कारवाई की जा रही है.’’ उन्होंने कहा कि फंसे कर्ज का समाधान करने में समय लगेगा. ‘‘आप इस मामले में एक झटके में सर्जिकल कारवाई नहीं कर सकते हैं.’’

वीडियो- अरुण जेटली गुजरात के चुनाव प्रभारी बने 



वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकों को पहले ही 70,000 करोड़ रुपये तक पूंजी उपलब्ध करा दी है और उन्हें और पूंजी देने के लिये भी तैयार है. कुछ बैंक बाजार से भी पूंजी जुटा सकते हैं. ‘‘हम बैंकिंग क्षेत्र में एकीकरण की कारवाई आगे बढ़ाने के लिये भी सक्रियता से काम कर रहे हैं. हमें ज्यादा बैंक नहीं चाहिये, हमें कम लेकिन मजबूत बैंक चाहिये.’’

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही देश के सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों के बीच विलय प्रक्रिया को तेज करने का फैसला किया ताकि इन बैंकों की कार्यक्षमता और उनमें संचालन को बेहतर बनाया जा सके.

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT