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नीरा राडिया का फोन टैप करने का आदेश और मूल रिकॉर्ड पेश किया जाए : न्यायालय

केन्द्र सरकार नीरा राडिया के टेलीफोन टैप करने के लिए अधिकृत किए जाने से संबंधित मूल रिकॉर्ड उच्चतम न्यायालय में पेश नहीं कर सकी। न्यायालय ने इसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया।
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NDTV Profit हिंदी09:26 PM IST, 22 Aug 2013NDTV Profit हिंदी
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केन्द्र सरकार नीरा राडिया के टेलीफोन टैप करने के लिए अधिकृत किए जाने से संबंधित मूल रिकॉर्ड उच्चतम न्यायालय में पेश नहीं कर सकी। न्यायालय ने इसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया।

केन्द्र सरकार को गुरुवार को न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष उस समय शर्मसार होना पड़ा जब मूल रिकॉर्ड पेश करने में उसकी असफलता के बाद न्यायालय ने फोन टैपिंग पर उसके दृष्टिकोण को सुनने से इनकार कर दिया।

न्यायाधीशों ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार के वकील न्यायालय की मदद करने की स्थिति में नहीं है।’’ इसके साथ ही न्यायालय ने केन्द्र सरकार को राडिया के टेलीफोन टैपिंग से संबंधित सारा मूल रिकार्ड 27 अगस्त को पेश करने का निर्देश दिया। न्यायलय ने 2008-09 में टेलीफोन निगरानी के मसले को देखने वाली समीक्षा समिति की कार्यवाही का विवरण भी पेश करने का निर्देश दिया है।

न्यायाधीशों ने अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पीपी मल्होत्रा से कहा, ‘‘पहले आप रिकॉर्ड पेश कीजिए। हम अभी आपको नहीं सुनेंगे।’’ न्यायालय ने सरकारी आदेशों के नमूने पेश करने पर भी केन्द्र सरकार को आड़े हाथ लिया क्योंकि इनमें भी विसंगतियां थी।

वित्तमंत्री को 16 नवंबर, 2007 को मिली एक शिकायत के आधार पर नीरा राडिया के फोन की निगरानी शुरू हुई थी और उसकी बातचीत रिकॉर्ड की गई थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि नौ साल की अल्पवधि के भीतर उसने 300 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा कर लिया है।

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