बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने सपंत्ति के मालिकों से भिन्न उपभोक्ताओं जैसे किरायेदारों को बिजली का कनेक्शन प्रदान करने के विचार से सहमति जतायी और कहा कि इससे स्वामित्व का कोई अधिकार नहीं पैदा होता है.
गोयल ने फिक्की में अपनी ऑस्ट्रिया एवं ब्रिटेन यात्रा पर कहा, ‘‘बिजली कनेक्शन संपत्ति पर स्वामित्व साबित नहीं करता. कुछ राज्यों को डर है कि बिजली कनेक्शन प्रदान करने से संपत्तियों पर दावा बन जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह बिजली प्रदान करने के तौर तरीकों पर काम कर रही है कि इसे बिजली उपभोक्ता का स्वामित्व नहीं बने. महाराष्ट्र में पहले से ऐसा है. हम किसी को बिजली के कनेक्शन से वंचित नहीं रख सकते.’’
आरबीआई की इस टिप्पणी पर कि उद् योजना के तहत बॉन्ड जारी करने से राज्यों का वित्त प्रभावित होता है, मंत्री ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि आरबीआई ने उनसे जो कुछ कहा है, उस पर कुछ और तर्क लगाए क्योंकि अंतत: यह राज्य का ही कर्ज था. ’’ कर्ज तले दबे राज्य विद्युत वितरण कंपनियों की स्थिति सुधारने के लिए नवंबर, 2015 में उदय योजना शुरू की गयी थी. उसके तहत राज्यों को बॉन्ड जारी कर 75 फीसदी तक कर्ज चुकाना था. (न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट)