प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लकर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में शनिवार को कहा कि सरकार सज्जनों की मित्र है और दुर्जनों को सज्जनता के वातावरण में लाने के लिए उपयुक्त उपाय करने के पक्ष में है.
प्रधानमंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा, "लोगों को इस बात को जानकर हैरानी होगी कि सरकार के पास दर्ज जानकारी के हिसाब से देश में सिर्फ 24 लाख लोग ही यह स्वीकार करते हैं कि उनकी आय 10 लाख रुपये सालाना से ज्यादा है. क्या यह स्वीकार्य है? आखिर हम कब तक सच्चाई से मुंह मोड़ते रहेंगे."
कालाधन रखने वालों को चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "कानून अपना काम करेगा और पूरी कठोरता के साथ करेगा." मोदी ने कहा, "नोटबंदी के बाद देशवासियों ने जो कष्ट झेला है, वह देश के उज्जवल भविष्य के लिए है."
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