बीते 72 घंटे में दो बार ब्लैक आउट जब आधे से ज्यादा देश अंधेरे में डूबा रहा। अंतरराष्ट्रीय मीडिया जिसे दुनिया का सबसे बड़ा पावर ब्लैकआउट बता रहा है उसकी वजह क्या थी?
सूत्रों के मुताबिक पहले ईस्टर्न ग्रिड में जमशेदपुर−राउरकेला लाइन ट्रिप हुई, फिर बीना−ग्वालियर−आगरा लाइन भी ट्रिप हो गई। बीना−ग्वालियर लाइन वेस्टर्न ग्रिड का हिस्सा है जबकि आगरा नार्दन ग्रिड में आता है।
कुछ ही देर में दूसरी पावर लाइन्स भी ट्रिप होती चली गईं। एक के ट्रिप होते ही उसका लोड दूसरी लाइन पर चला जाता है और वह लाइन भी ट्रिप हो जाती है। अब जांच इस बात की हो रही है कि लाइनें ट्रिप हुई ही क्यों?
इसकी वजह खराब मॉनसून भी बताई जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक जून से सितंबर के बीच नार्दन ग्रिड में बिजली आमतौर पर कम रहती है क्योंकि किसान ज़्यादा बिजली का इस्तेमाल करते हैं। बिजली की इस कमी की भरपाई वेस्टर्न ग्रिड से होती है। इस बार बांधों में पानी कम है और किसानों को ज़रूरत पहले से ज्यादा है
जिससे राज्यों में बिजली के लिए होड़ सी लगी है।
हालांकि भारत सरकार फिलहाल इस संकट के वजहों पर साफ साफ कुछ नहीं कह रही एनडीटीवी ने जब देश के नए बिजली मंत्री से इस बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, ''मैं इस संकट का दोष किसी राज्य को नहीं देना चाहता। हमें इस समस्या का समाधान निकालना होगा। राज्यों की भी अपनी मुश्किलें होती हैं।
इस हादसे ने देश में ग्रिड व्यवस्था की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। आर्थिक मंदी और पॉलिसी पैरालाइसिस से जूझ रहे प्रधानमंत्री के लिए यह बिजली संकट एक और चुनौती है। पॉवर सेक्टर की खामियों को अगर जल्दी दुरुस्त नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हालात और भी खराब हो सकते हैं।