उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत महकमे को निर्देश दिए हैं कि शहरी क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था एवं उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए सूचना तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। इसके साथ ही दिसम्बर, 2014 के अंत तक न्यूनतम 25 लाख उपभोक्ताओं को एसएमएस के जरिये बिलिंग की जानकारी देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
सरकार ने ऑनलाइन बिलिंग को बढ़ावा देने के लिए जन सुविधा केन्द्रों - लोकवाणी केन्द्रों के माध्यम से बिजली के बिल जमा करने की भी व्यवस्था करने को कहा है।
प्रदेश में फिलहाल शहरी क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था एवं उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए सूचना तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देशों के 168 शहरों में आरएपीडीआरपी के अंर्तगत कार्यक्रम चलाया गया है, जिसमें बिलिंग और कलेक्शन संबंधी सूचनाओं को कम्प्यूटर के माध्यम से देने के लिए केन्द्रीयकृत डाटा सेन्टर बनाकर एक नेटवर्क प्रणाली विकसित की गई है।
विद्युत महकमे के अधिकारियों के मुताबिक अब यूपीपीसीएलऑनलाइन डॉट कॉम के माध्यम से उपभोक्ता अब इन शहरों में घर बैठे कार्ड, नेट बैंकिंग के माध्यम से बिजली के बिल को जमा कर सकते हैं।
विभाग के मुताबिक इन शहरों में एसएमएस के द्वारा उपभोक्ताओं को बिलिंग की जानकारी की व्यवस्था भी की गई है और अभी तक करीब 8 लाख उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर दर्ज हो चुके हैं। हालांकि इसके बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अभी भी अपेक्षाकृत कम संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा इन योजनाओं का लाभ उठाए जाने की बात कही है।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए मध्यांचल में 18001800440, पश्चिमांचल में 18001803002, दक्षिणांचल में 18001803023 और पूर्वांचल में 18001805025 नम्बरों से युक्त कॉल सेंटर खोले गए हैं।