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महंगाई दर सात महीने में सर्वाधिक 6.46 फीसदी

देश की सालाना थोक महंगाई दर सितंबर 2013 में पिछले सात महीने में सर्वाधिक 6.46 फीसदी (अस्थाई) दर्ज की गई, जो अगस्त माह में 6.10 फीसदी थी। यह जानकारी सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली।
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NDTV Profit हिंदी12:04 AM IST, 15 Oct 2013NDTV Profit हिंदी
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देश की सालाना थोक महंगाई दर सितंबर 2013 में पिछले सात महीने में सर्वाधिक 6.46 फीसदी (अस्थाई) दर्ज की गई, जो अगस्त माह में 6.10 फीसदी थी। यह जानकारी सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली।

महंगाई दर में वृद्धि से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में कटौती करना कठिन हो जाएगा, जिसकी भारतीय अर्थव्यवस्था को अत्यधिक जरूरत है।

यही नहीं रिजर्व बैंक बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए दरों में रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में वृद्धि भी कर सकता है। 20 सितंबर को पिछली समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर और रिवर्स रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर क्रमश: 7.5 फीसदी और 6.5 फीसदी कर दिया था। रिजर्व बैंक 29 अक्टूबर को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर माह में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित देश की सालाना महंगाई दर 6.46 फीसदी रही, जो अगस्त महीने में 6.10 फीसदी थी। एक साल पहले की समान अवधि में यानी सितंबर 2012 में सालाना महंगाई दर 8.07 फीसदी थी।

मौजूदा कारोबारी साल में अब तक यानी अप्रैल-सितंबर 2013 अवधि के लिए थोक महंगाई दर 5.64 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में, यानी, अप्रैल-सितंबर 2012 में 4.84 फीसदी थी।

मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक जुलाई 2013 की थोक महंगाई दर में संशोधन करते हुए इसे 5.85 फीसदी कर दिया गया, जो 14 अगस्त 2013 को 5.79 फीसदी दर्ज की गई थी।

डब्ल्यूपीआई में 20.12 फीसदी योगदान करने वाले प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर आलोच्य महीने में 13.54 फीसदी रही, जो अगस्त में 11.72 फीसदी थी। प्राथमिक वस्तु समूह में खाद्य वस्तु और रेशे, तिलहन और खनिज जैसी गैर खाद्य वस्तुएं आती हैं।

सितंबर माह में खाद्य वस्तुओं की सालाना थोक महंगाई दर 18.40 फीसदी रही, जो अगस्त में 18.18 फीसदी थी और एक साल पहले समान अवधि में 8.06 फीसदी थी।

सितंबर में सब्जियों की थोक कीमतें 89.37 फीसदी बढ़ गई, जिसमें एक साल पहले समान अवधि में 6.73 फीसदी गिरावट रही थी।

इसी अवधि में प्याज थोक मंडी में 322.94 फीसदी महंगा हो गया, जिसमें एक साल पहले समान अवधि में 24.69 फीसदी गिरावट रही थी। अगस्त में प्याज की सालाना महंगाई 244.62 फीसदी थी।

फल 13.54 फीसदी महंगा हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 7.02 फीसदी महंगा हुआ था।

अंडे, मांस और मछली आलोच्य अवधि में 13.37 फीसदी महंगे हो गए, जिसमें एक साल पहले सितंबर में भी करीब इतनी ही 13.22 फीसदी महंगाई दर्ज की गई थी।

आलोच्य अवधि में चावल 19.76 फीसदी, गेहूं 5.09 फीसदी, अनाज 13.05 फीसदी महंगे हुए।

आलोच्य अवधि में ईंधन और बिजली महंगाई दर 10.08 फीसदी रही। यह क्षेत्र डब्ल्यूपीआई में 14.91 फीसदी योगदान करता है। डब्ल्यूपीआई में 64.97 फीसदी योगदान करने वाले विनिर्माण क्षेत्र में यह दर 2.03 फीसदी रही।

सितंबर महीने में दालहन और आलू की थोक कीमतों में हालांकि साल-दर-साल आधार पर क्रमश: 13.42 फीसदी और 13.10 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। सालाना थोक मूल्य में गिरावट दर्ज करने वाले अन्य उत्पादों में प्रमुख रहे तिलहन (5.07 फीसदी), चीनी (7.49 फीसदी), खाद्य तेल (2.58 फीसदी), सीमेंट और चूना (3.16 फीसदी) और बेसिक धातु मिश्रण तथा धातु उत्पाद (2.39 फीसदी)।

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